Upgrade Jharkhand News. सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल बाँध विस्थापितों की समस्याओं के स्थायी समाधान की माँग को लेकर 4 नवम्बर मंगलवार को विस्थापित अधिकार मंच फाउंडेशन के बैनर तले एक दिवसीय धरना प्रदर्शन सह गेट जाम आंदोलन किया गया। आंदोलनकारियों ने सरकार से 43 वर्षों से लंबित पुनर्वास और नौकरी से जुड़ी माँगों को तत्काल पूरा करने की अपील की। फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि चांडिल बाँध परियोजना के कारण विस्थापित हुए 116 गाँवों के परिवार अब भी अपने वैध अधिकारों और पुनर्वास लाभों से वंचित हैं। कई बार सरकार को आंदोलन, धरना, प्रदर्शन और आमरण अनशन के माध्यम से अवगत कराने के बावजूद अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
आंदोलन का नेतृत्व राकेश रंजन महतो ने किया, जिसमें 400 से अधिक विस्थापित परिवारों ने भाग लेकर अपना समर्थन दिया। इस आंदोलन को और प्रबल बनाने के लिए सरायकेला खरसावां कालिंदी कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष कृष्णा कालिंदी ने भी समर्थन दिया और विस्थापितों के हक़ में सरकार से ठोस कदम उठाने की माँग की। आंदोलन के दौरान विस्थापितों ने बाँध अंचल कार्यालय चांडिल का गेट जाम कर अधिकारियों को बाहर बुलाया और अपनी माँग पत्र की प्रति सौंपी। अधिकारियों से सवाल किया गया कि आखिर इतने वर्षों बाद भी विस्थापित परिवारों को न्याय क्यों नहीं मिला।
मुख्य माँगें इस प्रकार हैं —झारखंड राज्य जल संसाधन विभाग क्षेत्रीय लिपिकीय पद सीधी भर्ती नियमावली, 2025 के तहत चांडिल बाँध विस्थापितों को शीघ्र बहाली प्रदान की जाए। बहुउद्देशीय कर्मी भर्ती नियमावली अंतर्गत चतुर्थवर्गीय पदों पर विस्थापितों को सीधी नियुक्ति दी जाए।विस्थापितों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार शीघ्र ठोस निर्णय नहीं लेती, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा.



























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