Jamshedpur (Nagendra) घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर रविवार शाम चुनावी शोर थम गया। अब सभी प्रत्याशी और दल डोर-टू-डोर कैम्पेनिंग करेंगे। इसके साथ ही सभी की धड़कने तेज है । जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा इसका फैसला तो 14 नवम्बर को आएगा मगर घाटशिला उपचुनाव कई मायने में बेहद खास होने जा रही है। वैसे सरकार के सेहत पर इस चुनावी हार जीत का कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है। मगर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के लिए यह चुनाव बेहद अहम होगा। यही कारण है कि रविवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन चंपाई सोरेन भावुक नजर आए। यहां तक कि उनकी आंखों से आंसू भी निकल पड़ा। हालांकि पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने इसके पीछे झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा अपमानित किए जाने को वजह बताया।
मालूम हो कि घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन की तुलना बैल से की। जिसे भाजपा ने जहां मुद्दा बना लिया वहीं पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने इसे अपने दिल पर ले लिया। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चंपई सोरेन ने अपनी वेदना साझा की और कहा जिस पार्टी को मैंने अपने खून पसीने से सींचा आज उस पार्टी का मुखिया संस्कार भूल चुका है। उसे ना आदिवासियों की चिंता है ना राज्य की जनता का. राज्य में आदिवासी खतरे में है। आदिवासी बहन बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है। राज्य का डेमोग्राफी बदल रहा है। इसकी चिंता करने के बजाय उनके बेटे की तुलना बैल से की जा रही है। उन्होंने घाटशिला की जनता से इस अपमान का बदला भाजपा प्रत्याशी को रिकॉर्ड मतों से जीत दिलाकर लेने की अपील की। प्रेसवार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ भाजपा नेता अभय सिंह समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे।

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