- पंजाब में आम आदमी पार्टी का चार वर्षों का सफर..
Upgrade Jharkhand News. पंजाब में आम आदमी पार्टी के 4 वर्ष पूरे होने पर पार्टी की तरफ से अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों के दावे किए जा रहे है। उसके बारे में गंभीरता से विस्तार में जानने की जरुरत है। पहले देखना होगा आम आदमी पार्टी ने जो अपने घोषणा पत्र में वादे किए थे, उसमें कितने पूरे किए। बताई गई इन उपलब्धियों के बारे में अकाली दल बादल के नेता सुखबीर सिंह बादल का कहना है कि सरकार की तरफ से किए गए दावे खोखले है, वास्तविकता यह है कि आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब के लिए निकम्मी एवं असफल सरकार साबित हुई है। उन्होंने सरकारी तंत्र के पूरी तरह से सुस्त हो जाने की बात कही। परंतु इसके साथ यह बात याद रखने वाली है कि पूर्व विधान सभा चुनावों में अकाली-भाजपा और कांग्रेस पार्टी से निराश होकर लोगों ने एक नया विकल्प ढूंढते हुए आम आदमी पार्टी को घोर समर्थन दिया था । लोगों ने आम आदमी पार्टी को 92 सीटों पर जितवा कर अकाली दल और कांग्रेस पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं को धूल चटा दी थी। लोगों को उम्मीद थी कि परिवर्तन उनकी जिंदगी में नई बहार बनकर आएगा। लेकिन लोगों ने जो भारी उम्मीदें आम आदमी पार्टी से लगाई थी, वह धीरे-धीरे बिखरने लगी। 4 वर्षों में धरातल पर कुछ भी नया नहीं हुआ। लोगों की उम्मीदें पूरी नहीं हुई।
जहां तक राज्य की आर्थिक स्थिति का प्रश्न है यह पहले से भी अधिक बीमार और दयनीय हो चुकी है। सूत्रों से पता चला है कि आम आदमी पार्टी ने इतना ऋण लिया है कि पंजाब का प्रत्येक व्यक्ति 1,17800 रुपए का कर्जदार हो चुका है। पंजाब जैसे छोटे राज्य पर इतना कर्ज चढ़ चुका है कि जिसका बोझ सहन करना इसके लिए मुश्किल दिखाई देता है, क्योंकि इसकी अपनी आमदनी ब्याज चुकाने पर समाप्त हो रही है। चर्चाओं में तो यह भी है कि अकाली भाजपा के 10 वर्ष के शासन काल और कांग्रेस के 5 वर्ष के शासन काल में उतना ऋण नहीं लिया गया, जितना ऋण आम आदमी पार्टी ने 4 वर्षों में लिया है। राज्य में बढ़ते नशे को रोकने के लिए न तो पूर्व सरकारों ने कोई ठोस कदम उठाए है ना ही आम आदमी पार्टी ने। आम आदमी पार्टी के नशे खिलाफ छेड़े गए अभियान में बड़ी-बड़ी बातें कही जा रही है, लेकिन पंजाब में रोजाना नशे से सैकड़ों लोग मारे जा रहे हैं। वहीं कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि पुलिस की छत्र-छाया में गांव-गांव शहर-शहर नशा बेचा जा रहा है। अब नशे की आग पुलिस अफसरों के घरों तक पहुंच रही है जो सरेआम नशे के गोरख धंधे में लगे हुए थे। नशे का व्यापार अकाली-भाजपा सरकार के साथ-साथ कांग्रेस में भी होता रहा है,आम आदमी पार्टी के कई विधायक भी नशे के धंधे में लगे हुए है।
आज पंजाब का युवा वर्ग तरह-तरह के नशे से युक्त है। वहीं निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक बने नशा व्यापारियों के गठबंधन को सरकार समाप्त करने में सफल नहीं हो रही। पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि राज्य में किसी माफिया को पनपने नहीं दिया जाऐगा, लेकिन बड़े अफसोस से कहना पड़ता है कि आज मुख्यमंत्री के रिश्तेदार अवैध माईनिंग में लगे हुए है। मुख्यमंत्री ने अपने चार वर्षों के समय में हजारों लोगों को नौकरियां देने की बात की है। उसमें वह कितने सच्चे है एवं कितने झूठे है, यह पंजाब वासियों को सब पता है। सूत्रों से पता चला है कि पंजाब सरकार ने जो युवाओं को नौकरियां दी है, उनमें से 37.4 फीसदी दिल्ली एवं हरियाणा के लोग है। बेरोजगारों को नौकरी और बेरोजगारी भत्ता देना तथा स्मार्ट फोन की बात करना अब दूर की बातें नजर आने लगी है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने पंजाब के उद्योगतियों से सस्ते भाव में बिजली देने का जो वादा किया था वह पूरी तरह से फ्लाप होता नजर आ रहा है। रेत-बजरी का काला धंधा भी पहले की तरह चल रहा है। इसके साथ कर्मचारी भी पंजाब सरकार से संतुष्ट नहीं है, वहीं मुख्यमंत्री जो कहा करते थे कि अब कर्मचारियों को सड़कों पर नहीं उतरना पड़ेगा, आज कर्मचारियों को पक्का करने के लिए वित्तीय संकट की बातें कर रहे है। कर्मचारियों का डीए रिलीज नहीं किया जा रहा है। किसान भी आज सड़कों पर है। उनके ऋण माफ नहीं किए जा रहे। बुढ़ापा पेंशन बढ़ जाने की बातें ठंडे बस्तों में डाल दी गई है।
पंजाब की सड़कों का बुरा हाल है, किसानों को समय पर खाद नहीं मिल रही, बाढ़ पीड़ितों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। महिलाओं को 1000 रुपए प्रति माह देने का फैसला भी मान सरकार पर भारी पड़ सकता है। 4 वर्ष बीत जाने के पश्चात अभी तक मान सरकार अपने घोषणा पत्र को पूरा नहीं कर पाई। भ्रष्टाचार के बारे में जीरो टालरैंस की बातें करने वाली सरकार आज भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी है। मान सरकार की करनी और कथनी में बड़ा अंतर है। पंजाब में 12 मेडिकल कालेज खोलने का वादा हवा-हवाई होता जा रहा है। लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है। ऐसे में जब चुनाव नजदीक हों, तो आम आदमी पार्टी की तरफ से किए गए वादों को देखना बनता है, क्योंकि अब बचे समय में शेष वादों को पूरा करने के लिए एक ऐसा लंबा और कठिन रास्ता तय करना होगा, जो पंजाबी लोगों में पैदा हुई नाउम्मीदी को उम्मीद में बदल सके। सुभाष आनंद

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