Guwa (Sandeep Gupta) नोवामुंडी प्रखंड अंतर्गत बड़ाजामदा थाना क्षेत्र के बालजोड़ी गांव में हुई हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। एक असहाय पिता डिंबा चातोम्बा अपनी चार माह की नवजात शिशु को इलाज के लिए सदर अस्पताल, चाईबासा लेकर पहुंचे थे, जहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। इससे भी अधिक अमानवीय स्थिति तब उत्पन्न हुई, जब अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण पिता को अपने मृत शिशु का शव थैली में लेकर रात के अंधेरे में सुदूर जंगल-पहाड़ी क्षेत्र स्थित अपने गांव लौटना पड़ा। घटना की सूचना मिलते ही पूर्व सांसद गीता कोड़ा स्वयं दुर्गम जंगल क्षेत्र में स्थित पीड़ित परिवार के गांव पहुंचीं।
उन्होंने शोकाकुल परिजनों से मुलाकात कर पूरी घटना की जानकारी ली और उन्हें ढाढ़स बंधाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह घटना सदर अस्पताल चाईबासा और स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही को उजागर करती है। एक पिता को अपने नवजात के शव को इस तरह ले जाने के लिए मजबूर होना व्यवस्था पर एक बड़ा धब्बा है। पूर्व सांसद ने कहा कि इससे पहले भी अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव खून चढ़ाने जैसी गंभीर घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन न तो अस्पताल प्रशासन ने सबक लिया और न ही जिला प्रशासन ने ठोस कदम उठाए। उन्होंने अबुआ सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं और हजारों बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।
गीता कोड़ा ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही और भरोसा दिलाया कि वह इस मुद्दे को राज्य स्तर तक उठाएंगी, ताकि भविष्य में किसी गरीब परिवार को ऐसी अमानवीय पीड़ा न सहनी पड़े।

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