Jamshedpur (Nagendra) न्याय को जन-जन तक सुलभ बनाने और लंबित मामलों के त्वरित निपटारे के उद्देश्य से शनिवार को जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय और घाटशिला न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया । जमशेदपुर में इसका शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविन्द कुमार पांडेय ने किया। इस मौके पर प्रधान जिला जज श्री पांडेय के साथ न्यायाधीश प्रधान कुटुंब न्यायालय अजीत कुमार सिंह , न्यायाधीश एडीजे 1 कनकन पट्टदार, न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट बिमलेश सहाय , जिला बार संघ के अध्यक्ष आर एन दास एवं सचिव कुमार राजेश रंजन तथा डालसा के सचिव धर्मेन्द्र कुमार सहित अन्य न्यायायिक पदाधिकारी गण मुख्य रूप से उपस्थित थे।
जिला प्रधान न्यायाधीश अरविंद कुमार पाण्डेय ने मोटर वाहन क्लेम केस में दो पीड़ित लोगों को एक करोड़ 80 लाख का चेक प्रदान किया , जिसमें एडीजे 6 कोर्ट में केस नंबर : MAC -- 137/23 मामले में सोनारी का रहने वाला मृतक निलंजना बोस के माता पिता डॉली बोस व सुब्रतो घोष को संयुक्त रूप से एक करोड़ 10 लाख का चेक भेंट दिया गया और दूसरा क्लेम प्रधान जिला जज के कोर्ट में केस नंबर MAC - 05 / 2025 मामले में चक्रधरपुर के रहने वाले मृतक बिमल खलको के पत्नी पूपेन खलको को 70 लाख का चेक प्रदान किया गया । उक्त दोनों क्लेम राशि टाटा AIG इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से दिया गया है।
इस मौके पर इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी देवजीत सरकार एवं सफदर स्माइल भी मौजूद रहे। इस उपलब्धि पर प्रधान जिला जज अरविंद पांडेय ने कहा कि यह कदम न केवल न्यायपालिका की सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि पीड़ित लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए एक वरदान है, जहाँ बिना किसी खर्च और लंबी प्रक्रिया के त्वरित न्याय मिलता है। उन्होंने सभी पक्षकारों से अपील करते हुए कहा कि वे मध्यस्थता और समझौते के इस मंच का अधिकतम लाभ उठाएँ। यह राष्ट्रीय लोक अदालत न्याय और सामाजिक उत्थान के समन्वय का एक सफल उदाहरण है।
राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए कुल 16 बेंच गठित किया गया जिसमें जमशेदपुर न्यायालय परिसर में कुल 12 बेंचों का गठन किया गया और घाटशिला न्यायालय में कुल 4 बेंच गठित किया गया था। इन बेंचों में संबंधित मामलों पर त्वरित गति से सुनवाई और निपटारे का कार्य किया गया, जिससे वादियों को जल्द न्याय मिल सका। विभिन्न कानूनी श्रेणियों के मामलों—जैसे मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाउंस, वैवाहिक विवाद और बैंक ऋण संबंधित मामले—पर आपसी सुलह और समझौते के माध्यम से तत्काल फैसला लिया गया। इस पूरे आयोजन में न्यायालय के सभी न्यायिक पदाधिकारी , कोर्ट स्टाप , पीएलवी की सक्रिय भूमिका रही। नेशनल लोक अदालत में कुल 2 लाख 75 हजार 9 सौ 36 केसों का निष्पादन किया गया, जिसमें प्री लिटिगेशन केस 264775 और कोर्ट में लंबित केस 11159 है । केस निष्पादन में कुल राजस्व की प्राप्ति 10 करोड़ 9 लाख 80 हजार 7 सौ 5 रुपए की हुई। इससे पहले नेशनल लोक अदालत का ऑनलाइन उद्घाटन दुमका से हाई कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश माननीय तरलोक सिंह चौहान एवं झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष माननीय सुजीत नारायण प्रसाद तथा झालसा के मेंबर सचिव कुमारी रंजना अस्थाना व अन्य गणमान्य लोगों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया।



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