Jamshedpur (Nagendra) एनआईटी जमशेदपुर में आयोजित15वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं. उन्होंने अपने संबोधन में सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह केवल उत्सव का नहीं, बल्कि नए संकल्प लेने का अवसर है. उन्होंने समारोह के दौरान उत्साह और उमंग बनाए रखने की बात कही तथा विद्यार्थियों से माता-पिता और शिक्षकों के योगदान को स्मरण करने का आग्रह किया. राष्ट्रपति ने एनआईटी जमशेदपुर में सेंटर फॉर इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की सराहना की. राष्ट्रपति ने कहा कि आज देश के सामने वेस्ट मैनेजमेंट, सस्टेनेबिलिटी जैसी कई चुनौतियां हैं, जिनके समाधान के लिए तकनीकी विशेषज्ञों के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण की भी आवश्यकता है. तकनीकी विकास को मानव कल्याण का माध्यम बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों का मूल्यांकन केवल रैंकिंग और प्लेसमेंट से नहीं, बल्कि समाज में उनके योगदान से होना चाहिए.
उन्होंने विद्यार्थियों को आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान का उपयोग समावेशी और समृद्ध राष्ट्र निर्माण के लिए करें. सफलता का मूल्यांकन बड़े पदों से नहीं, बल्कि इस बात से होना चाहिए कि आपके कार्य से कितने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया. राष्ट्रपति ने इनोवेशन और स्टार्ट अप संस्कृति को बढ़ावा देने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में तेजी से तकनीकी बदलाव हो रहा है. ऐसा बदलाव शायद ही किसी कालखंड में हुआ है. इससे नये नये अवसर पैदा हो रहे हैं. साथ ही चुनौतियां भी सामने आई हैं. आधुनिक तकनीकी का दुरुपयोग कर साइबर अपराध बढ़ रहा है. साथ ही ई-वेस्ट से पर्यावरण का नुकसान हो रहा है. आपसे अपेक्षा की जा रही है कि आधुनिक तकनीक से पड़ने वाले कुप्रभावों के नियंत्रण और समाधान में भागीदारी करेंगे.राष्ट्रपति ने कहा कि सस्टेबेनल एनर्जी डेवलपमेंट और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए इंजीनियर्स टेक्नोलॉजी का विकास तो कर सकते हैं. लेकिन इस टेक्नोलॉजी को आर्थिक और सामाजिक रुप से व्यवहारिक बनाने में अर्थशास्त्रियों और उद्योगपतियों की अहम भूमिका होती है. राष्ट्रपति ने कहा कि साल 2047 तक किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान की प्रतिष्ठा केवल रैंकिंग या प्लेसमेंट से नहीं होनी चाहिए. यह भी देखना चाहिए कि वहां के विद्यार्थी समाज और राष्ट्र के किस तरह योगदान दे रहे हैं. वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसकी प्राप्ति में रिसर्च, इनोशन और स्टाटर्स कल्चर को बढ़ावा देना जरुरी है.
विकसित भारत का सपना केवल ऊंची इमारतों या शक्तिशाली अर्थव्यवस्था के रुप में पूरा नहीं होगा बल्कि एक ऐसे समाज के निर्माण से होगा, जिसमें अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के पास भी अवसर की समानता और गरिमापूर्ण जीवन जीने की सुविधा हो. बिना करुणा के किया गया अविष्कार केवल एक मशीन विकसित कर सकता है. लेकिन करुणा से प्रेरित होगा तो समाज के लिए वरदान साबित होगा. सफलता को बड़े पैकेज या ऊंचे पद से ना मापें बल्कि इस आधार पर उसका आंकलन करें कि आपके ज्ञान और कार्य से कितने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है. वहीं दीक्षांत समारोह के दौरान ओथ सेरेमनी में एनआईटी के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार ने विद्यार्थियों को शपथ दिलाई. स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि संस्थान में एक हजार सीट क्षमता वाले नए ऑडिटोरियम का निर्माण किया जा रहा है. एनआईटी जमशेदपुर शोध, नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है. बीओजी के चेयरपर्सन सुनील अलघ ने अपने संबोधन में कहा कि जीवन में तीन महत्वपूर्ण मूल्यों को अपनाकर ही सफलता प्राप्त की जा सकती है.
डिग्री और गोल्ड मेडल से सम्मान-दीक्षांत समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोविंद देव गिरि महाराज, ट्रेजरर, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि जबकि डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी की डिग्री से आर.के.बेहरा को नवाजा. साथ ही संस्थान में गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए प्रियांशु राज और कृष्णाशीष मंडल को डिग्री देकर सम्मानित किया.
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने छात्रों को दी बधाई-राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उपाधि हासिल करने वाले छात्रों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि समाज और राष्ट्र और मानवता के प्रति आपकी जिम्मेदारियों की नई शुरुआत है. उन्होंने जमशेदजी टाटा की दूरदर्शिता का उल्लेख किया. उन्होंने दिवंगत रतन टाटा के योगदान को याद किया. राज्यपाल ने कहा कि एनआईटी, जमशेदपुर ने वर्षों से देश को अभियंता और तकनीकी विशेषज्ञ प्रदान किए हैं. जिन्होंने भारत की औद्योगिक आधारभूत संरचना और वैज्ञानिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. एनआईटी जमशेदपुर से अपेक्षा है कि ना केवल कुशल अभियंता तैयार करें बल्कि राष्ट्र के प्रति उत्तरदायी नागरिक भी गढ़ें. छात्रों से समाज की समस्याओं के समाधान की अपील की.
मंत्री दीपक बिरुआ ने की उज्ज्वल भविष्य की कामना-मंत्री दीपक बिरुआ ने एनआईटी के 15वें दीक्षांत समारोह में शामिल छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दिनों मे राष्ट्र निर्माण में आपकी अहम भूमिका होगी. उन्होंने छात्रों के सुनहरे भविष्य की कामना की. कार्यक्रम में सांसद, विधायक, एनआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के अध्यक्ष सुनील अलख, एनआईटी के डायरेक्टर गौतम सूत्रधार, राज्य सरकार के मंत्री दीपक बिरुआ समेत कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.



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