Jamshedpur (Nagendra) नालसा एवं झालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमशेदपुर द्वारा साकची हाई स्कूल के लीगल लिट्रेसी क्लब के बच्चों के बीच शनिवार को पर्यावरण विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया । उक्त कार्यक्रम प्रोटेक्ट टुडे सेक्युर टुमौरो अभियान के तहत आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम में डालसा की ओर से पीएलवी दिलीप कुमार जायशवाल, नागेन्द्र कुमार, संजय कुमार तिवारी , आशीष प्रजापति, सुनीता कुमारी , फ्रांसिस मरांडी एवं सुनीता झा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। पर्यावरण विधिक जागरूकता कार्यक्रम के दौरान आज संरक्षण, कल सुरक्षित भविष्य पर विशेष रूप से फोकस किया गया। डालसा पीएलवी ने सभी स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम लोग आप सबके बीच जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से NALSA की पहल "Protect Today, Secure Tomorrow" के अंतर्गत पर्यावरण विधिक जागरुकता कार्यक्रम के लिए उपस्थित हूँ।
हम सब जिस हवा में साँस लेते हैं, जिस पानी को पीते हैं और जिस जमीन पर रहते हैं-वही हमारा पर्यावरण है। अगर पर्यावरण सुरक्षित नहीं रहेगा, तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित नहीं रहेगा। इसलिए पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए हमें सजग रहकर विशेष ध्यान देने की जरूरत है , ताकि कल हमारा जीवन भी सुरक्षित रह सके। पीएलवी ने कहा कि अगर हवा साफ न हो, पानी पीने लायक न रहे और पेड़ खत्म हो जाएँ , तो हम और हमारी आने वाली पीढ़ी कैसे जिएँगी? आज प्रदूषण, प्लास्टिक कचरा, जंगलों की कटाई और जल स्रोतों का दूषित होना हमारे सामने बड़ी समस्या बन चुका है। यह केवल सरकार की समस्या नहीं है बल्की यह हम सभी की भी समस्या बन चुकी है। पीएलवी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रति कानूनी पहलुओं पर भी चर्चा किया गया। इस दौरान बच्चों को बताया गया कि बहुत कम लोग जानते हैं कि स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण में जीना हमारा कानूनी अधिकार है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 हमें स्वच्छ वातावरण में जीवन जीने का अधिकार देता है। वहीं अनुच्छेद 48A के अनुसार सरकार का कर्तव्य है कि पर्यावरण की रक्षा करे।
अनुच्छेद 51A (g) के अनुसार हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह पर्यावरण की रक्षा करे। अर्थात- पर्यावरण की रक्षा करना हमारा अधिकार भी है और कर्तव्य भी। इसी प्रकार सरकार ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी कई कानून बनाए हैं, जैसे-पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, जल प्रदूषण निवारण अधिनियम, 1974, वायु प्रदूषण निवारण अधिनियम, 1981, सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध।
यदि कोई व्यक्ति या संस्था इन नियमों का उल्लंघन करती है, तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।शिविर में सभी बच्चों को स्वच्छ वातावरण और प्रदूषण से मुक्ति के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने के बारे प्रेरित किया गया। इस दौरान सभी स्कूली बच्चों से निम्न बिंदुओं को ध्यान में रखकर शपथ भी दिलाया गया। जैसे : पेड़ लगाएँ और उन्हें काटने से रोके, प्लास्टिक का उपयोग कम करें, गीला और सूखा कचरा अलग करें, पानी और बिजली की बचत करें, खुले में कचरा न जलाएँ.
अधिक से अधिक लोगों को पर्यावरण संरक्षण सिखाएँ क्योंकि पहले हम बदलेंगे, तभी समाज बदलेगा। साथ ही पीएलवी द्वारा बच्चों को यह भी नसीहत दिया गया कि अगर कहीं-
* फैक्ट्री से प्रदूषण हो रहा हो
* नदी या नाले में गंदगी डाली जा रही हो
* अवैध रूप से पेड़ काटे जा रहे हों
तो आप शिकायत कर सकते हैं-जिला प्रशासन ,नगर निकाय ,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) जमशेदपुर के कार्यालय में या अपने पैरा लीगल वालंटियर से संपर्क कर सकते हैं , यहां किसी भी समस्या का समाधान के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध है।




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