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Jamshedpur जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू ने सदन में तेली समाज के लिए ‘तेल व्यवसाय घानी बोर्ड’ के गठन की मांग की, माटी कला बोर्ड को फिरसे सक्रिय करने एवं पंचायतों की लंबित राशि भुगतान करने की भी रखी मांग Jamshedpur East MLA Purnima Sahu demanded the formation of 'Oil Business Ghani Board' for the Teli community in the House, also demanded to reactivate the Mati Kala Board and pay the pending amount of the Panchayats.

 


Jamshedpur (Nagendra) जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू ने झारखंड विधानसभा में शून्यकाल के दौरान दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि तेली समाज का पारंपरिक पेशा घानी से तेल निकालना, अब पूरे झारखंड में लगभग लुप्तप्राय स्थिति में पहुंच गया है। तेल बनाने का यह परंपरागत कौशल आज जीविका का आधार नहीं रह गया है, और समुदाय के अधिकांश लोग खेती पर निर्भर हो गये हैं। पूर्णिमा साहू ने सरकार से ‘तेल व्यवसाय घानी बोर्ड’ के गठन की मांग करते हुए कहा कि इससे सरसों तेल व्यवसाय में तेली समाज को लाइसेंस की सुविधा मिलेगी। बोर्ड की स्थापना से तेली समाज की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और परिवार का भरण-पोषण सुचारू रूप से चल सकेगा। 



साथ ही, विधायक पूर्णिमा साहू ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा निर्मित माटी कला बोर्ड को पुनः सक्रिय करने की भी मांग की, जिससे प्रजापति समाज को फिर से लाभ मिल सके। पंचायतों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि पंचायतें लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे मजबूत इकाई हैं। महात्मा गांधी द्वारा बताये गये ग्राम स्वराज की अवधारणा आज भी प्रासंगिक है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पंचायतों को राशि का आवंटन नहीं होने के कारण विकास कार्य ठप पड़े हैं। 



उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राज्य वित्त आयोग की राशि शीघ्र पंचायतों को जारी करने की मांग की जिससे गांवों और पंचायतों का रुका विकास फिर पटरी पर लौट सके। वहीं, विधायक पूर्णिमा साहू ने कार्यकाल के दौरान जनप्रतिनिधियों की आकस्मिक मृत्यु या दुर्घटना की स्थिति में उचित मुआवजे की व्यवस्था करने की भी मांग रखी। इसके साथ ही, उन्होंने केरल मॉडल का हवाला देते हुए कहा कि झारखंड में मुखियागणों को कम-से-कम 30 हजार रुपये मानदेय दिया जाना चाहिए।



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