Jamshedpur (Nagendra) संयुक्त ग्राम सभा संघर्ष समिति के अध्यक्ष मदन मोहन सोरेन ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र में बिना पेसा कानून लागू किए, सामान्य कानून झारखंड नगर पालिका अधिनियम 2011 के तहत मानगो नगर निकाय चुनाव पुरजोर विरोध करता है उन्होंने कहा कि मानगो अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आता है इसलिए मेसा कानून के तहत चुनाव होनी चाहिए।जिला प्रशासन द्वारा मानगो नगरनिगम चुनाव हेतु मानगो के वार्ड के निर्धारण के लिए गजट प्रकाशन को संयुक्त ग्राम सभा समिति जोरदार बिरोध करती है । यह चुनाव तथा वार्डो के गठन असंवैधानिक रूप से आदिवासी कस्टमरी व्यवस्था के खिलाफ बनाई गयी है । राज्य सरकार को अनुसूचित क्षेत्र मे आदिवासियो की संवैधानिक सुरक्षा कवच को कमजोर करने का कार्य कर रही है। कैलाश बिरुआ ने कहा कि ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र के शहरी इलाकों में आदिवासियों की परंपरा, संस्कृति एवं स्वशासन व्यवस्था पर कुठाराघात किया जा रहा है।
जनसंख्या को आधार बनाकर आदिवासियों को उनके संवैधानिक प्रतिनिधित्व से वंचित किया जा रहा है। मानगो नगर निकाय की कुल 36 सीटों में केवल 2 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई हैं, जो आदिवासी समाज के प्रतिनिधित्व के लिहाज से अत्यंत नगण्य है। उन्होंने आगे कहा कि सीएनटी एक्ट की भूमि पर अवैध रूप से बाहरी आबादी बसाई गई है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में डेमोग्राफिक परिवर्तन हुआ है। आदिवासी समाज अपने अस्तित्व और अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने को तैयार है।
डेमका सोय ने कहा कि सामान्य कानून के तहत अनुसूचित क्षेत्र में चुनाव होने से आदिवासियों के अस्तित्व संकट में आ जाएगी । इस अवसर पर झारखंड आंदोलनकरी डेमका सोय,संयुक्त ग्राम सभा संघर्ष समिति के अध्यक्ष मदन मोहन सोरेन, सचिव दीपक मुर्मू, कोषाध्यक्ष सनातन टुडू, सोमेश्वर मुर्मू, कैलाश बिरुआ, पप्पू सोरेन एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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