Jamshedpur (Nagendra) पूर्वी सिंहभूम जिले के सदर अस्पताल, खासमहल में आज सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग के लिए एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया। यह कदम सिकल सेल एनीमिया की शुरुआती पहचान और निदान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अवसर पर डॉ. इरफ़ान अंसारी, मंत्री, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग; खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग; तथा आपदा प्रबंधन विभाग, झारखंड सरकार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
अन्य विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे संजीव सरदार, विधायक, पोटका; श्रीमती पूर्णिमा साहू, विधायक, जमशेदपुर पूर्व; अजय कुमार सिंह, आईएएस, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड सरकार; शशि प्रकाश झा, आईएएस, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड; कर्ण सत्यार्थी, आईएएस, उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम; डॉ. साहिर पाल, जेएचएस, सिविल सर्जन-सह-प्रधान चिकित्सा अधिकारी, पूर्वी सिंहभूम; अजय कुमार सिन्हा, एसीएमओ, पूर्वी सिंहभूम; डी. बी. सुंदरा रामम, निदेशक, टाटा स्टील फाउंडेशन; तथा सौरव रॉय, चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, टाटा स्टील फाउंडेशन। नव उद्घाटित प्रयोगशाला आईसीएमआर द्वारा स्वीकृत डीबीएस - पीसीआर (ड्राय ब्लड स्पॉट–पीसीआर) तकनीक पर आधारित है, जिसे सीएसआईआर - सीसीएमबी द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रयोगशाला पूर्वी सिंहभूम जिले से आने वाले नमूनों के लिए एक केंद्रीकृत प्रोसेसिंग हब के रूप में कार्य करेगी, जिससे सिकल सेल एनीमिया की तेज़, सटीक और सुलभ स्क्रीनिंग सेवाएँ उपलब्ध होंगी। यह अत्याधुनिक सुविधा विशेष रूप से उन दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी जहाँ निदान सुविधाएँ सीमित हैं। यह लैब समय पर पहचान और उपचार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए टाटा स्टील फाउंडेशन के निदेशक डी. बी. सुंदरा रामम ने कहा: “सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग लैब यह दर्शाती है कि राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के कठिन समय में उनके साथ खड़े रहने के प्रति फाउंडेशन कितना प्रतिबद्ध है। इस स्वास्थ्य समस्या की हमारी समझ और इसकी शुरुआती पहचान की आवश्यकता, झारखंड और ओडिशा में मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करने के लिए बनाए गए राष्ट्रीय मॉडल ‘मानसी’ पर हमारे वर्षों के अथक कार्य से विकसित हुई है। हम झारखंड सरकार और सीएसआईआर - सीसीएमबी के आभारी हैं कि उन्होंने स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के समाधान में हम पर विश्वास जताया है, खासकर उन इलाकों में जहाँ हम कार्य करते हैं।”
टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा 4.25 करोड़ रुपये के निवेश से सशक्त इस परियोजना का लक्ष्य दो वर्षों की अवधि में 2,00,000 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करना है, जिसमें आदिवासी समुदायों और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह पहल राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (2023–2047) के उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसका मुख्य फोकस शुरुआती पहचान, जागरूकता और परामर्श के माध्यम से इस बीमारी के आनुवंशिक प्रसार को कम करना है।परियोजना के तहत समुदाय-आधारित सैंपल संग्रहण फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें फाउंडेशन की फील्ड टीमों का सहयोग रहेगा। सभी परीक्षण परिणाम राष्ट्रीय सिकल सेल ऐप पर डिजिटल रूप से एकीकृत किए जाएंगे, जिसमें आभा आईडी या मोबाइल नंबर का उपयोग किया जाएगा।


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