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Mumbai पूर्वी भारत बनेगा नवीकरणीय ऊर्जा का नया हब Eastern India will become the new hub of renewable energy

 


Mumbai (Anil Bedag) पूर्वी भारत आने वाले वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा का सबसे तेज़ उभरता क्षेत्र बनने जा रहा है। कोलकाता में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा आयोजित उच्च-स्तरीय संवाद में विशेषज्ञों ने रेखांकित किया कि C&I (वाणिज्यिक और औद्योगिक) उपभोक्ताओं की मजबूत मांग, निवेशक-अनुकूल नीतियाँ और उभरते औद्योगिक क्लस्टर इस बदलाव को गति दे रहे हैं। बैठक में नीति-निर्माताओं, यूटिलिटीज, डेवलपर्स और उद्योग नेताओं ने मौजूद रहकर इस बात पर सहमति जताई कि पूर्वी भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को साकार करने के लिए ग्रिड आधुनिकीकरण, राज्य-स्तरीय सुधार और निजी भागीदारी बेहद अहम है।



केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के पूर्व सदस्य अरुण गोयल ने कहा कि केवल क्षमता निर्माण काफी नहीं, बल्कि अंतर्राज्यीय कनेक्टिविटी मजबूत होना अनिवार्य है ताकि सौर और पवन परियोजनाएँ सीएंडआई उपभोक्ताओं तक वास्तविक लाभ पहुँचा सकें। एमपीन एनर्जी ट्रांज़िशन के संस्थापक एवं एमडी पिनाकी भट्टाचार्य ने बताया कि ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, असम और बिहार में ₹5,000 करोड़ के निवेश क्षेत्र की हरित ऊर्जा यात्रा को गति देंगे। उन्होंने कहा, “पूर्वी भारत में नवीकरणीय ऊर्जा अपनाना अब विकल्प नहीं, औद्योगिक भविष्य की जरूरत है।”



असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी, दामोदर वैली कॉरपोरेशन और ग्रिडको के अधिकारियों ने भी माना कि ऊर्जा स्टोरेज, स्मार्ट ग्रिड और डिजिटल तकनीकें दिन-रात की मांग को संतुलित करने में निर्णायक भूमिका निभाएँगी।
समापन में फिक्की के निदेशक अर्पण गुप्ता ने कहा कि नीति, उद्योग और नवाचार की संगति के साथ, पूर्वी भारत आने वाले दशक में भारत का सबसे गतिशील नवीकरणीय ऊर्जा बाजार बनकर उभरेगा।



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