जमशेदपुर। डीबीएमएस बी एड महाविद्यालय में वकील संगीता झा का विद्यार्थियों के साथ एक परस्पर संवादात्मक कार्यक्रम हुआ। उन्होंने कई कानून व उनके कार्यान्वयन के विषय में विस्तृत रूप से वर्णन किया। उन्होंने स्त्रीधन, दहेज ,पोस्को एक्ट, सेक्शन 498 ए, घरेलू हिंसा, महिलाओं की संपत्ति अधिकारों ,तथा साइबर क्राइम जैसे विषयों पर चर्चा किया ।
सभी विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। 2 घंटे तक चले कार्यक्रम में प्रश्न उत्तर द्वारा सभी तरह के संदेहों को स्पष्ट किया। संबोधन करते हुए पूर्ण किया । इसमें कई विद्यार्थी जैसे स्वाति, सौम्या, निस्तला, मनीमाला शगुफ्ता ,सिमोना नरीमन आदि ने अनेक प्रश्न पूछ कर कार्यक्रम में हिस्सा लिया। महिलाओं के अधिकार पर विद्यार्थियों को उपयोगी जानकारियां दी अधिवक्ता ने।
उन्होंने वास्तविक जीवन से कई उदाहरण बताते हुए यह कहा कि यदि एक पुरुष किसी महिला को सिंदूर लगा देता है या मंदिर में शादी कर लेता है और कुछ दिनों बाद शादी मानने से इंकार कर लेता है , ऐसे में स्त्रियों को उस शादी का फोटो या फिर प्रमाण पत्र अपने पास रखना चाहिए।
जिससे कि अपनी शादी को साबित कर पाए और कानून से अपना सही अधिकार भी प्राप्त कर सके । अपने अधिकारों को माँगना गलत नहीं है। ल़डकियों की अपनी सोच बदलनी होगी। शिक्षित ल़डकियों को अपने अधिकार के प्रति जागरूक होना चाहिए।
प्रिंसिपल डॉ जूही समर्पिता ने कहा कि स्त्रियां पूरे ब्रह्माण्ड को समेट सकती हैं। अपने प्रेरणादायक वक्तव्य से उन्होंने कार्यक्रम को समाप्त किया। कॉलेज प्रबंधन की तरफ से इस विशेष सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें बी चन्द्रशेखर के अलावा अन्य प्रबंधन सदस्यों का भी महत्वपूर्ण योगदान था। श्रीमती श्रीप्रिया धर्मराजन, डॉ मोनिका उप्पल, श्रीमती पूनम कुमारी, कंचन कुमारी, अर्चना कुमारी, पामेला घोष, मौसमी दत्ता बीरेन्द्र पांडे आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाया।
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