गुवा। पद्मावती जैन सरस्वती शिशु मंदिर,नोवामुण्डी में आज मंगलवार को विद्यालय प्रांगण में भगवान महावीर जयंती परम हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्राचार्या सीमा पालित (गुरु माँ) ने नित्य वन्दनीया माँ सरस्वती तथा महावीर के चित्र पर माल्यार्पण,पुष्पार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया।कार्यक्रम से पूर्व कक्षा नवम के भैया शिवा करुवा महावीर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा महावीर का जन्म करीब ढाई हजार वर्ष पहले(ईसा से 540 वर्ष पूर्व वैशाली गणराज्य के)कुण्डग्राम में अयोध्या इक्ष्वाकुवंशी क्षत्रिय परिवार में हुआ था। 30 वर्ष की आयु में महावीर ने संसार से विरक्त होकर राज वैभव त्याग दिया और सन्यास धारण कर आत्म कल्याण के पथ पर निकल गये।
12 वर्षो की कठिन तपस्या के बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ, जिसके पश्चात उन्होंने समवशरण में ज्ञान प्रसारित किया। 72 वर्ष की आयु में उन्हें पावापुरी से मोक्ष की प्राप्ति हुई। इसके पश्चात कक्षा नवम के बहनों ने मनमोहक भजन की प्रस्तुति दी। महावीर जयंती के शुभ अवसर पर प्राचार्य गुरु माँ ने अपने संबोधन में कहा भगवान महावीर की वाणी सदा अनुकरणीय है।चरित्र जितना ऊंचा और सुदृढ़ होगा जीवन मूल्य उतनी ही तेजी से विकसित होंगे और सफलताएं उतनी ही तेजी से कदमों को चूमेगी। तत्पश्चात् बहन स्वाति महापात्रो द्वारा शांति मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।


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