गुवा। 2 अप्रैल को गंगदा पंचायत के पंचायत भवन में मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल तथा सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम की संयुक्त अध्यक्षता में विशेष बैठक आयोजित की गई। यह बैठक विशेष रूप से सारंडा के विभिन्न गांवों को सेल की गुवा एवं चिड़िया खदान के अन्तर्गत सीएसआर गांवों की सूची में शामिल करने संबंधित उपायुक्त अनन्य मित्तल, पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर के नेतृत्व में जगन्नाथपुर एसडीओ शंकर एक्का, किरीबुरू के एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, नोवामुंडी के अंचलाधिकारी सुनील चन्द्रा आदि पदाधिकारियों द्वारा ग्रामीणों के हित में किये गये सफल प्रयास पर अधिकारियों के प्रति आभार यात्रा एवं विजय दिवस के रूप में आयोजित की गई।कार्यक्रम के बाद ग्रामीणों ने दुईया गांव स्थित पंचायत भवन से विजय जुलूस भी निकाला, जिसमें सारंडा के दर्जनों गांवों के मुंडा व प्रबुद्ध ग्रामीण शामिल हुए।
इस संबंध में मुखिया राजू सांडिल एवं मानकी लागुड़ा देवगम ने बताया कि सेल की विभिन्न खदानों के अलावे अन्य प्राइवेट खदानों से सारंडा के दर्जनों गांव बुरी तरह से प्रभावित थे। ग्रामीणों का खेत, प्राकृतिक नदी-नाले, जंगल आदि प्रदूषित व बंजर हो रहे थे। इसके बावजूद कोई भी खदान प्रबंधन हमारे गांवों को अपने सीएसआर गांव के रूप में मान्यता नहीं देकर कोई भी विकास कार्य नहीं कर रहा था। इसके खिलाफ सारंडा विकास समिति एवं सारंडा महिला विकास समिति के बैनर तले प्रभावित दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने लोकतांत्रिक तरीके से लंबी लड़ाई लड़ी। हमारी समस्याओं को उक्त वरिष्ठ पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने गंभीरता से लेते हुए मामले का भौतिक सत्यापन प्रशासनिक अधिकारी से पूर्व में कराया था।
आज उनके प्रयास से सारंडा के 18 गांवों को सेल की गुवा व चिड़िया खदान के सीएसआर गांव की सूची में शामिल कर लिया गया है। उन्होंने बताया की सेल की चिड़िया खदान में छोटानागरा, कुम्बिया, ममार, चुरगी, दोदारी, हिनुवा, सलाई एवं रोडु़वां. जबकि सेल की गुवा खदान के अधीन बड़ा जामकुंडिया, छोटा जामकुंडिया, लेम्ब्रे, दुईया, गंगदा, घाटकुड़ी, काशिया-पेचा, रोवाम, अगरवां एवं नुईया गांव को शामिल किया गया है। इन 18 गांवों को सीएसआर गांव में शामिल किये जाने से अब इन गांव के लोगों को भी सेल अस्पताल में चिकित्सा, स्कूलों में शिक्षा आदि के अलावे गांवों में विभिन्न प्रकार की विकास योजनाओं का लाभ सेल से मिलेगा। आज की विजय जुलूस में रोवाम मुंडा, बुधराम सिद्धू, काशिया-पेचा मुंडा, सिंगा सुरीन, घाटकुड़ी मुंडा बिरसा चाम्पिया, गंगदा मुंडा बिरसा सुरीन, अगरवां मुंडा राजेश तोपनो, दुईया मुंडा जानुम सिंह चेरवा, लेम्ब्रे मुंडा लेबेया देवगम, राजाबेड़ा मुंडा जामदेव चाम्पिया, सलाई मुंडा रामाय सुरेन, मंगल कुम्हार आदि सैकड़ों महिला, पुरुष व ग्रामीण शामिल थे।
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