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मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 26 को, बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार चुनावी कार्यक्रम तय करेगा

 


संदर्भ तख्त श्री हरमंदिर जी प्रबंधन कमेटी चुनाव 2023

जमशेदपुर। तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी के प्रधान एवं महासचिव के मध्य तनातनी के बीच चुनाव अधिसूचना इस महीने के अंत में जारी करने की संभावना है। तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के महासचिव सरदार इंदरजीत सिंह को प्राधिकार के सचिव पुरुषोत्तम पासवान द्वारा पत्र लिखकर जानकारी दी गई है कि 4 जुलाई से मतदाता सूची तैयार करने की जिम्मेदारी महासचिव को दी गई है और 12 जुलाई को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित हुआ है और इस पर आपत्ती दावा करने की अंतिम तिथि 22 जुलाई निर्धारित है और 26 जुलाई को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा और उसके उपरांत चुनाव हेतु अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

यहां यह भी बताना उचित होगा कि तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के वर्तमान प्रबंधन समिति का कार्यकाल 14 जुलाई को खत्म हो गया है और यहां अंतिम दौर में प्रधान सरदार जगजोत सिंह सोही और महासचिव सरदार इंदरजीत सिंह के बीच धड़ाबाजी हो गई। 

जगजोत सिंह सोही के साथ महेंद्र पाल सिंह ढिल्लों है और यह दोनों पिछली बार जिला जज द्वारा मनोनीत हुए थे और इस बार इन दोनों का पत्ता साफ हो चुका है। राजा सिंह निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे और इनके धड़े के आसनसोल पश्चिम बंगाल के हरपाल सिंह जोहल सहवरित हुए थे। हरपाल सिंह जोहल पर उस समय संयुक्त अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल एवं दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन प्रधान मनजीत सिंह जीके और महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा का वरदहस्त था और फिलहाल मनजिंदर सिंह सिरसा भाजपा में है और सब की राह अलग हो चुकी है।

यहां चुनावी मैदान में सरदार इंदरजीत सिंह को दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र से तथा सरदार राजा सिंह को अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र से उतरना है। यहां घात प्रतिघात का खेल चल रहा था कि जैसे भी हो सरदार इंद्रजीत सिंह को आने से रोका जाए।

यही कारण है कि जगदेव सिंह सोही राजा सिंह हरपाल सिंह चौहान महेंद्र पाल सिंह ढिल्लों एवं जिला जज द्वारा दुबारा मनोनीत किए गए गुरविंदर सिंह संविधान का हवाला दे रहे थे कि कमेटी ही मतदाता सूची को अंतिम रूप दे सकती है। ऐसा नहीं हुआ है और इसलिए इस प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगाई जानी चाहिए। जबकि सरदार इंदरजीत सिंह संविधान का हवाला दे रहे थे कि यह कार्य महासचिव के द्वारा किया जाना है।

बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार सचिव ने कानूनी मंतव्य प्राप्त करने के उपरांत महासचिव के संवैधानिक अधिकार को मान्यता दी और 22 जुलाई तक आपत्ति दावा का निराकरण करने को कहा है। 26 को अंतिम सूची प्रकाशित करने के साथ ही प्राधिकार चुनाव अधिसूचना जारी कर देगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अधिसूचना को रुकवाने के लिए सोही गुट पटना उच्च न्यायालय की शरण में चला गया है

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