अपने एक साथी अरविंद के साथ जब सुमित आरआईटी मोड़ पहुंचा तो वहां हसन पहले से ही मौजूद था। वहां हसन ने अपने पांच अन्य साथियों के सहयोग से जबरन एक आईटेन कार संख्या जेएचO1सीजेड/ 0945 में जबरन हथियार के बल पर उसे बैठा लिया और उसके चेहरे को ढक दिया। उसके बाद सुमित को किसी अज्ञात स्थान पर ले गए। इस दौरान अपराधियों ने सुमित से अपने वैसे रिश्तेदार का नंबर देने की बात कही जो दस लाख रुपए बतौर फिरौती उन्हें तत्काल दे सके, अन्यथा जान से मार देने की धमकी दी गई।
तत्पश्चात, सुमित ने अपनी पत्नी और अपने दोस्त अरविंद का नंबर अपहर्ताओं को दिया। अरविंद घटना के बाद सुमित की पत्नी को लेकर आदित्यपुर थाने पहुंचा। इस बीच बार-बार अपहर्ताओं का फोन आता देख थाना प्रभारी राजन कुमार हरकत में आए और तत्काल इसकी सूचना एसडीपीओ हरविंदर सिंह एवं एसपी आनंद प्रकाश को दिया। एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ के नेतृत्व में तत्काल एक टीम का गठन कर अपहर्ताओं की खोज शुरू किया गया। करीब पांच घंटे तक कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने गम्हरिया के अर्का जैन यूनिवर्सिटी मार्ग के समीप सुनसान जगह से आईटेन कार बरामद किया। पुलिस के आने की भनक लगते ही अपहर्ता भाग निकले। इधर, मौका पाकर सुमित भी रात के अंधेरे में किसी तरह कार से उतरकर भाग निकला।
मुख्य सड़क पर आते ही सुमित की नजर उसे ढूंढ रही पुलिस पर पड़ी तो उसने राहत की सांस ली। उसके बाद सुमित को साथ लेकर पूरी रात अपहर्ताओं की तलाश की गई पर उनका कोई सुराग नहीं मिला। बताया जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड पटना का रहने वाला सुदर्शन है जो सुमित को पहले से ही जानता था। सुदर्शन ने हसन एवं कुछ स्थानीय अपराधियों के साथ मिलकर सुमित के अपहरण की योजना बनाई जिसे समय रहते पुलिस ने विफल कर दिया।
इस पूरे अभियान में एसडीपीओ हरविंदर सिंह, आदित्यपुर थाना प्रभारी राजन कुमार, आरआईटी थाना प्रभारी सागर लाल महथा, गम्हरिया थाना प्रभारी सुषमा कुमारी, एसआई अभिषेक कुमार, टाइगर मोबाइल उमाशंकर एवं अन्य पुलिस कर्मियों की अहम भूमिका रही। एसपी आनंद प्रकाश ने सभी पुलिसकर्मियों को सम्मानित किए जाने की बात कही है।

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