घाटशिला । घाटशिला महाविद्यालय में सोमवार को राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस विषय पर व्याख्यान के लिए मुख्य वक्ता के रूप आरटीआई कार्यकर्ता संघ, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर के अध्यक्ष व अधिवक्ता दिलबहादुर उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ.आरके चौधरी ने की. उन्होंने अधिवक्ता दिल बहादुर को अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया और आधिकारिक स्वागत वक्तव्य दिया. कार्यक्रम का संचालन और विषय प्रवेश प्रो इंदल पासवान ने किया। मौके पर अधिवक्ता दिलबहादुर ने कहा कि विश्व में सबसे पहले स्वीडन ने सूचना का अधिकार कानून 1766 ईस्वी में लागू किया था।
इसके बाद फ्रांस,कनाडा,मेक्सिको के बाद भारत में वर्ष 2005 में यह अधिनियम लागू किया गया। अभी भारत समेत लगभग 80 देशों में यह अधिनियम लागू होकर लोकतंत्र की शोभा बढ़ा रहा है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के लिए सूचना का अधिकार का मिलना एक क्रांतिकारी कदम है, परंतु इस अधिकार की उपयोगिता नागरिकों के जागरूक और साहस पर निर्भर करती हैं।
शासन में पारदर्शिता लाने में इस कानून ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ लोग निजी स्वार्थ में इस अधिनियम का दुरूपयोग कर रहे हैं,इससे बचने की आवश्यकता है। वही धन्यवाद ज्ञापन महाविद्याय में आरटीआई अधिकारी डॉ कन्हाई बारीक ने किया।
मौके पर जमशेदपुर के कई आरटीआई कार्यकर्ता भी शामिल हुए. इस अवसर पर डॉ नरेश कुमार,डॉ एसपी सिंह, डॉ संदीप चंन्द्रा, डॉ कुमार विशाल,प्रो मो सज्जाद,प्रो विकाश मुंडा,डा संजेश तिवारी,डॉ कंचन सिन्हा,शंकर महाली,माणिक मार्डी के साथ काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
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