गम्हरिया। एसआईटीई कॉलेज गम्हरिया में एक समारोह आयोजित कर फैकल्टी द्वारा लिखित "टूवार्ड्स सस्टेनेबल ग्रोथ इन इंडिया: कनेक्टिंग द मिसिंग' नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य फादर फ्रांसिस ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास को ऐसे विकास के रूप में परिभाषित करता है जो भविष्य की पीढ़ियों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है।
उन्होंने कहा कि भारत के अनुसार, सतत विकास लक्ष्यों के लिए लक्ष्यों के एक सेट में विकास और पर्यावरणीय लक्ष्य दोनों शामिल होने चाहिए। पर्यावरण और विकास के बीच असंतुलन ही समस्या है। बताया कि इस पुस्तक के अध्यायों में स्थिरता के मुद्दे के साथ-साथ इसके अनछुए उपविषयों पर साक्ष्य-आधारित प्रतिबिंब भी शामिल हैं।
यह स्थिरता की मूलभूत नींव को संबोधित करता है, जो भारतीय वृद्धि, विकास और अर्थशास्त्र के हर पहलू को प्रभावित करता है। मौके पर उपस्थित कॉलेज के उप प्राचार्य फादर मुक्ति क्लेरेंस ने कहा कि मनुष्य के पास हासिल करने के लिए साधन और इच्छाशक्ति है। लेकिन जब तक यह एक ठोस प्रयास नहीं बन जाता, अंतर बना रहेगा। इस मौके पर फादर मुक्ति एस. जे.'
डॉ संचिता घोष चौधरी, अकिंचन ज़ाक्सा, डॉ पार्था प्रिय दास, प्रो अमित, डॉ संचिता घोष चौधरी, प्रो शालू कांत, प्रो सुष्मिता सेन, डॉ प्रमोद कुमार सिंह, डॉ राधा महाली समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं व बच्चे उपस्थित थे।
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