मुखिया राजू सांडिल ने कहा कि सेल की गुवा प्रबंधन पूर्व में किए गए अपने वायदे से मुकर रही है। बीते 7 नवम्बर को उनके पास 60 बेरोजगारों को रोजगार देने का प्रस्ताव रखा गया था। उनमें से 20 बेरोजगारों को रोजगार में रखा लेकिन बीते जून माह से सभी को काम से हटा दिया गया। वह प्रभावित गांवों का विकास कार्य सीएसआर के तहत नहीं कर रही है। उन्होंने बताया की एक सप्ताह पूर्व गुवा प्रबंधन को मांग पत्र व आंदोलन संबंधित पत्र दिया गया था। इस मामले में प्रबंधन मौन रहते हुए कोई जवाब नहीं दी है।
ऐसी स्थिति में अब हमारे सामने गुवा खदान में अनिश्चितकालीन नाकेबंदी के सिवाय कोई रास्ता नहीं है। बताया की अगर प्रबंधन हमारी मांगे नहीं मानती है तो 22 दिन बाद गुवा खदान में आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी। दूसरी तरफ इस बैठक में मौजूद ग्रामीणों को सरकार द्वारा स्वरोजगार हेतु दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं जैसे सुअर, बकरी, मुर्गी, बतख, मछली आदि पालन की जानकारी दी गई।
आदिवासी व गैर आदिवासी ग्रामीण, विधवा व अन्य महिलाओं के लिए इस योजना के तहत अलग-अलग छूट सरकार की तरफ से दिया जाना है। इसके लिए जरूरी फार्म भरकर प्रक्रिया पूर्ण करना होगा। इच्छुक ग्रामीण इसका लाभ ले सकते हैं। इस बैठक में घाटकुड़ी मौजा के मानकी सुरेश चाम्पिया, मुंडाओं में बिरसा सुरिन, सिंगा सुरीन, बुधराम सिद्धू, बिरसा चाम्पिया, जानुम सिंह चेरवा, लेबेया देवगम, दुखिया सुरेन, मनबोध चाम्पिया, मंगल कुम्हार, पोदू गोप, नीलमणी सांडिल, श्रीमति कुम्हार आदि सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।
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