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घाटशिला महाविद्यालय में चल रहे वन महोत्सव माह का हुआ समापन, पर्यावरण संरक्षण में सभी लोगों का योगदान जरूरी : पद्मश्री जमुना टुडू, Van Mahotsav Month in Ghatshila College ends, everyone's contribution in environmental protection is necessary: ​​Padma Shri Jamuna Tudu


घाटशिला। घाटशिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के संयोजन में पिछले माह 1 जुलाई से चल रहे वन महोत्सव माह का विधिवत समापन, समारोह पूर्वक आयोजित किया गया। समापन समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य डॉक्टर आरके चौधरी ने किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आए पद्मश्री जमुना टूडू एवं अन्य अतिथियों को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। प्राचार्य ने अपने वक्तव्य में अतिथियों को स्वागत करते हुए कहा कि वन महोत्सव माह के दौरान अधिक से अधिक पौधा लगाने वालों को कॉलेज के 63 वें स्थापना दिवस पर पुरस्कृत किया जाएगा।

वन महोत्सव के संयोजक प्रोफेसर इंदल पासवान ने अपना पूरे महीने चले पौधरोपण अभियान का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले मां 1 जुलाई से 31 जुलाई तक घाटशिला कॉलेज के एनएसएस द्वारा आयोजित वन महोत्सव में पौधारोपण अभियान चलाया गया प्रारंभ में इसकी शुरुआत महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों के द्वारा किया गया। बाद में इस अभियान से आम लोगों को भी जोड़ा गया, ताकि अधिक से अधिक पौधा लगाया जा सके।

इस अभियान के तहत पूरे कोल्हान क्षेत्र के साथ-साथ दूसरे जगह पर भी पौधरोपण किया गया। कॉलेज के विद्यार्थियों और एनएसएस वॉलिंटियर्स ने अपने-अपने गांव में वृहद स्तर पर पौधरोपण किया। इस दौरान लगभग 3000 पौधे लगाए गए और उसे सुरक्षित भी किए गए. इस पौधरोपण अभियान के तहत चाईबासा के मनिहा मंझारी ब्लॉक के पंडरासाली गांव में स्थित आयुष स्कूल के विद्यार्थियों ने शिक्षक प्रधान बिरुवा के नेतृत्व में 1269 पौधे लगाए और उसे संरक्षित किया।

पूरे वन महोत्सव माह के दौरान एनएसएस वालंटियर द्वारा लगाए गए पौधों के तस्वीरों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। मुख्य अतिथि पद्मश्री जमुना टुडू ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण में सभी लोगों का योगदान जरूरी है तभी प्रदूषित होते पर्यावरण को बचाया जा सकता है। उन्होंने अपने जंगल बचाने की मुहिम और संघर्षों के बारे में विस्तार से अपने अनुभव शेयर किए और कहा कि छात्र जीवन में ही पौधों से लगाव हो गया था।

जब 1998 में शादी के बाद अपने ससुराल मुतुरखाम आई तो यहां पौधों को बचाने के लिए आसपास के गांव की महिलाओं को जागरूक करने लगी। उन्होंने वन सुरक्षा समिति बनाकर जंगल बचाने का अनवरत प्रयास किया उसी का परिणाम है कि आज उसे पद्मश्री से नवाजा गया। ईश्वर ने हमें दो हाथ और पैर दिए हैं इसका उपयोग हमें सकारात्मक रूप से करना चाहिए।

हम जिंदगी भर पेड़ काटेंगे नहीं, बल्कि लगाएंगे यह प्रण लिया है। समारोह में मारवाड़ी महिला मंच की राष्ट्रीय पर्यावरण प्रमुख अनिता अग्रवाल और घाटशिला महाविद्यालय के पूर्व छात्र और वर्तमान में सिद्धू कानू मुर्मू विश्वविद्यालय के बॉटनी के पीजी हेड डॉ एस एल बंदिया ने भी संबोधित किया। सभी अतिथियों ने एनएसएस द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उसकी भूरी भूरी प्रशंसा की।

मौके पर डॉक्टर नरेश कुमार, डॉक्टर एस के सिंह, कृष्ण शुभम सिंह, डॉक्टर दिल चंद राम, डॉ एस पी सिंह, डॉक्टर संदीप चंद्रा, डॉ कुमार विशाल, प्रोफेसर अर्चना सुरिन, डॉक्टर कंचन सिन्हा, डॉ सींगों सोरेन, मानिक मार्डी, बसंती मार्डी, शंकर महली, अम्लान राय, सभरवाल अग्रवाल, विमल कुमार सिंह, सहित काफी संख्या में एनएसएस वॉलिंटियर्स एनसीसी कैडेट और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे, कार्यक्रम का संचालन प्रोफ़ेसर इंदल पासवान ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर नरेश कुमार ने किया।

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