चक्रधरपुर। चक्रधरपुर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय,माउंट आबू (राजस्थान) के शिक्षा प्रभाग के प्रस्तावित ब्रह्माकुमारिज पाठशाला, चक्रधरपुर की ओर से चक्रधरपुर थाना रोड स्थित ब्रह्माकुमारिज पाठशाला परिसर में " शिक्षा में राजयोग को शामिल करना समय की मांग" विषय पर आयोजित एक दिवसीय शिक्षक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पीजी स्तरीय जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय,चक्रधरपुर का पूर्व प्राचार्य डॉक्टर नागेश्वर प्रधान ने कहा कि शिक्षा में राजयोग को शामिल करना समय और परिस्थितियों की मांग है, क्योंकि इसको जीवन में धारण करने से शिक्षा को दिलचस्प और इसकी पद्धति को रोचक बनाया जा सकता है ।
अपने अध्यक्षीय भाषण में पाठशाला की संचालिका बीके मानिनि बहन ने कहा कि राजयोग के चार स्तंभों-ध्यान,योग, धारणा, सेवा पर आधारित जीवनशैली में नैतिक और सामाजिक उन्नति के लिए शिक्षा के साथ मेडिटेशन को जीवन का अभिन्न अंग बनाना लाभदायक साबित होगा । क्योंकि आध्यात्मिक चिंतन और अभ्यास से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है । इसके पूर्व अतिथियों का तिलक अभिषेक के बाद दीप प्रज्वलन कर एक दिवसीय शिक्षक सम्मेलन का उद्घाटन किया गया ।
मौके पर आदर्श मध्य विद्यालय,देवगांव का प्रधानाध्यापक दिलीप महतो,सरस्वती शिशु विद्या मंदिर (तुलसी भवन) के प्रधानाचार्य रमेश ठाकुर,सरस्वती शिशु विद्या मंदिर (पंप रोड) के प्रधानाचार्य आनंद चंद्र प्रधान, रानी रसाल मंजरी मध्य विद्यालय की शिक्षिका यशोदा महतो के अलावा शिक्षिका सोनू ,रीता सिंह,महात्मा गांधी उच्च विद्यालय का शिक्षक मेराजुल हक ने भी अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राजयोग को शामिल करने से चरित्र का शुद्ध और गुणों की वृद्धि, मानसिक स्पष्टता बढ़ेगी,हमारी भावनाओं को स्थिर और शांत होगी,चुनौतियों से निपटने का साहस बढ़ने के साथ ही साथ सांसारिक वस्तु,विचारों और कार्यों के परिणाम के प्रति वैराग्य विकसित होगा।
इस अवसर पर शिक्षिका बबिता महतो, एग्नेश डिसूजा, मिनोती लक्ष्मी मुंडारी, सौमित्रा दास,वैभव कुमार,खोखन मिस्त्री, बनबिहारी प्रधान,जितेंद्र हांसदा को भी ईश्वरीय सौगात से नवाजे गए । कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन ब्रह्माकुमारिज एजुकेशन विंग का आजीवन सदस्य बीके स्वरूप ने किया । कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बीके गीता, वीना,राजेश,सुशीला, ओडेया हेंब्रम, वालेमा,पुतुल,संगीता, मनोज, खिरोद, रामभरत,आशा,छाया मुख्य भूमिका निभाए । अंत में सभी के बीच प्रसाद का वितरण किया गया ।
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