जांच टीम ने पाया कि मृत तीनों बच्चों का झोलाछाप डॉक्टरों ने किया उपचार ,पूजा पाठ ,गलत उपचार, अंधविश्वास के कारण गई बच्चो की जान
मृतकों के घरों एवं ग्रामीणों के जांच कर सैंपल किए कलेक्ट, घटना वाली गांव समाज 2 किलोमीटर दूर है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
गुवा। बड़ाजामदा क्षेत्र में प्रत्येक एक सप्ताह के अंतराल में अज्ञात बीमारी से तीन बच्चों सहित सात लोगों की मौत और दर्जनों लोगों के आक्रांत होने की खबर पर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने गांव में मेडिकल टीम भेज बच्चों की हुई मृत्यु के घरों में जाकर जांच की एवं ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच एवं सैंपल कलेक्ट किए।
उपायुक्त के निर्देश पर असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर साहिर पाल के निर्देशानुसार जिला त्वरित कार्य दल का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ाजामदा अंतर्गत खास जामदा,मानकी साई,कोंटोरिया का भ्रमण किया गया। वहां पर अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार सभी मृतकों का घर घर भ्रमण कर टीम द्वारा उनके पारिवारिक सदस्यों से मृत्यु का पूर्ण ब्योरा लिया गया । जिसमे से यह ज्ञात हुआ कि मृतकों का गांव अलग अलग है। मृत्यु की तिथि में भी भिन्नता है।
जिसमें 3 बच्चों की मृत्यु हुई है तथा एक वृद्ध महिला है जो बहुत दिनों से बीमार थी एवं एक आदमी अल्कोहलिक थे। जिनको लिवर से संबंधित बीमारी से ग्रस्त थे। निष्कर्ष में यह पाया गया कि 3 बच्चों का इलाज स्थानीय झोला छाप चिकित्सक के द्वारा किया गया था एवं पूजा पाठ भी किया गया है। साथ ही किसी भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र अथवा स्वास्थ्य कर्मी से संपर्क नहीं किया गया है, जबकि स्वास्थ्य केंद्र की दूरी 2 किमी है।
टीम में डॉ हरेंद्र कुमार मुंडा,अजमत अजीम महामारी रोग विशेषज्ञ,शशि भूषण महतो भीबीडी सलाहकार,विवेक कुमार माइक्रोबायोलॉजिस्ट, एमपीडब्ल्यू, ए एन एम ,तथा जिला परिषद सदस्य सुश्री देवकी कुमारी,मुखिया गंगाराम चातोंबा,वार्ड सदस्य जानकी माई चातोंबा शामिल थी। टीम के द्वारा मेडिकल कैंप लगाकर मौके पर चिकित्सकीय सेवा दी गई। घर घर भ्रमण कर फीवर सर्वे किया गया एवं स्वास्थ्य जागरूकता संबंधी सलाह दी गई। बुखार पीड़ितों का रक्त संग्रह किया गया। पीने का पानी का सैंपल संग्रह किया गया।
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