चक्रधरपुर। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर में राशन के कालाबाजारी व राशन डीलर के मनमानी थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ताजा मामला चक्रधरपुर प्रखंड मेरमेरा गांव का है। जहां राशन डीलर सारथी प्रधान द्वारा सैकड़ों कार्डधारियों को दो माह का अनाज वितरण नहीं किया है। जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। गरीब जनता राशन कार्डधारी काफी परेशान हैं, लेकिन राशन डीलर अगस्त माह का गोदाम से राशन का उठाव करने के बावजूद वितरण नहीं किया है।
जिस कारण मंगलवार को ग्राम मुंडा मंगल सिंह तियू के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीण चक्रधरपुर प्रखंड कार्यालय पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने बीडीओ व एमओ को एक पत्र सौंपा। जिसमें ग्रामीणों ने कहा कि राशन डीलर द्वारा अगस्त व सितंबर माह का अनाज वितरण नहीं किया गया है। जिससे गरीब ग्रामीणों के बीच भुखमरी की स्थिति उत्पन्न होने लगी है। इतना ही नहीं जुलाई में सभी जगह ग्रामीणों के बीच धोती-साड़ी का विवरण हुआ है, लेकिन हमारे डीलर द्वारा राशन कार्डधारी को धोती साड़ी कुछ भी नहीं दिया।
डीलर द्वारा अंतोदय कार्डधारियों को 35 किलो के जगह 15 किलो अनाज दिया जा रहा है और 20 किलो अनाज कटौती की जा रही है। इसी तरह पीएच कार्डधारियों से भी भारी मात्रा में अनाज की कटौती डीलर द्वारा की जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर किसी कार्डधारी डीलर के दुकान आकर हंगामा करता है, तो उसे पूरा अनाज दी जाती है। ग्रामीणों ने कहा कि जुलाई माह में कुछ कार्डधारियों के बीच अनाज का वितरण किया गया, लेकिन बचे कार्डधारियों को अनाज तक नहीं मिली। ग्रामीणों ने कहा कि गरीबों के बीच अनाज वितरण के लिए सरकार भेजती है, लेकिन डीलर द्वारा गड़बड़ी करते हुए गरीबों का अनाज गायब कर दी जा रही है।
ग्रामीणों ने कहा कि कार्डधारियों से पॉश मशीन में अंगूठा लगाकर रसीद निकाल ली जाती है, लेकिन अनाज नहीं दिया जाता है। ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से आग्रह करते हुए कहा कि यथाशीघ्र कार्डधारियों के बीच अनाज का वितरण किया जाए। इस दौरान राशन डीलर सारथी प्रधान ने कहा कि प्रत्येक महीना राशन का वितरण किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। सितंबर माह में आवंटन पूरा नील हो गया है। अक्टूबर माह का उठाव नहीं हुआ है, जबकि अगस्त माह का राशन ग्रामीणों के बीच वितरण किया गया है।
इस मौके पर प्राचीन नायक, लक्ष्मण महतो, सोनामुनी कुई, सुखमति जोंकों, नामसी जोंकों, बिजांत पूर्ति, शुरूकुनी मुखी, दमयंती नायक, सुरेखा नायक, जयसिंह तियू, मेजों तियू, सुलेखा नायक, अपर्णा नायक समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
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