चक्रधरपुर। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर में जल संसाधन विभाग के लापरवाही के कारण 50 एकड़ में लगे धान का फसल बर्बाद हो गया है। फसल बर्बाद होने से ग्रामीण किसान काफी परिशान और चिंतित है। जानकारी के अनुसार जेनासाई डैम का पानी चक्रधरपुर प्रखंड के गोपीनाथपुर पंचायत अंतर्गत लौजोडा़ काला गांव के खेतों में पानी घुस गया है। डैम के गेट में लीकेज होने के कारण ऐसा स्थिति लगातार दूसरे साल हुआ है।
शुक्रवार को ग्रामीणों ने इसकी शिकायत समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई से की। ग्रामीणों की शिकायत पर समाजसेवी श्री गागराई गांव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर पानी में डुबे धान की फसल को निकलने में मदद किया। इतना ही नहीं गांव के घरों में भी डेम का पानी घुसने लगा है। डैम का पानी घरों में घुसने से श्याम लाल मुंडा का मिट्टी से बना कच्चा मकान गिर गया है, जबकि पालो पाडिया का घर में डैम का पानी घुस रहा है। जिससे घर में रहने व खाने-पीने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने कहा कि समय रहते हुए डैम का पानी पर रोका नहीं जाता है, तो गांव की और फसल के साथ-साथ मिट्टी से बना कच्चा मकान भी टूट जाएगा। ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए समाजसेवी विजय सिंह गागराई ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता शशी भगत से वार्ता की। श्री गागराई ने कहा कि गांव के गरीब किसान कड़ी मेहनत से धान की फसल उगाया है। फसल काटने के दौरान अचानक उनके खेतों में डैम का पानी घुस जाने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
किसान साल में एक बार ही धान की खेती कर पाते हैं। ऐसे में उनकी फसल बर्बाद हो गया है, तो किसान भी बर्बाद हो जाएंगे। खेतों में दो से तीन फीट तक पानी भर गया है। विभाग तत्काल कार्रवाई करते हुए डैम की लीकेज को दूर करें। अन्यथा ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन की जाएगी। इस मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
डीसी से जांच कर किसानों के लिए मुआवजा का किया जाएगा मांग : गागराई : समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई ने कहा कि किसान मेहनत कर साल में एक बार धान का फसल कर पाते हैं। इस बार किसानों का धान जब काटने के बड़ी आया तो उनके खेत में डैम का पानी घुस गया। जिससे किसान काफी परेशान है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिला के उपायुक्त से मिलकर किसानों को हुई नुकसान को आपदा राहत कोष से मुआवजा मिले इसकी मांग करेंगे, ताकि किसानों को सरकार का कुछ लाभ मिल सके।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय लौजोड़ा में घुसा डैम का पानी, बच्चे भी परेशान : जेनासाई डैम का गेट पिछले कई वर्षों से लीकेज है, लेकिन विभाग गेट की मरम्मत करने के बजाय करोड़ों रुपए खर्च कर डैम के कैनाल को बनाया। गेट में लीकेज होने के कारण उत्क्रमित मध्य विद्यालय लौजोड़ा में पानी घुस रहा है। जिससे बच्चे भी काफी परेशान है। इस संबंध में स्कूल के सहायक शिक्षक सोहनलाल गोप ने बताया कि स्कूल में 300 से अधिक विद्यार्थी अध्यनरत है। पिछले एक सप्ताह से स्कूल के अंदर डैम का पानी कैनाल के रास्ते घुस रहा है। जिसके कारण स्कूल परिसर जलमग्न हो गया है। बच्चे खेल नहीं पा रहे हैं। स्कूल दूषित हो गया है। चारों तरफ कीचड़ ही कीचड़ से भर गया है। उन्होंने शीघ्र समस्या का समाधान करने के लिए विभाग से आग्रह किया है।
इन किसानों का फसल हुआ बर्बाद : जेनासाई डैम का पानी खेतों में घुसने से लाउजोडा काला गांव के नजीर गागराई, जेना गागराई, कोलाई गागराई, बागुन पाडिया, मुची गागराई, लखन सामड, मधुसूदन सामाड, अरुण गागराई, दोराई गागराई, मोहन सामाड, सुरसिंह सामाड, सोमा सामाड, चतर सामाड, पांडु सामाड, सुभाष गागराई, मोटाई गागराई, सुदरा गागराई, काटे पाडिया समेत गांव के सैकड़ों किसानों का फसल बर्बाद हो गया है।
डैम का गेट का पानी को रोकने के लिए टेक्निकल डीविजन रांची को भेजा गया है पत्र: शशि भगत : जल संसाधन विभाग चक्रधरपुर कार्यपालक अभियंता शशि भगत ने कहा कि जेनासाई डैम का गेट पुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे पानी लीकेज हो रहा है। डेमेज गेट की मरम्मत के लिए टेक्निकल विभाग के इंजीनियर को पत्र भेजा गया है। पुराने गेट के जगह नया गेट का निर्माण करना है। उपायुक्त को भी इसकी सूचना दिया गया है। तत्काल व्यवस्था को लेकर विभाग को सूचित किया गया है। आदेश मिलने पर पानी को रोकने का कोशिश होगा। पिछले बार भी ग्रामीणों का नुकसान हुआ है।
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