गुवा। टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से नोवामुंडी एवं जगन्नाथपुर प्रखंड अंतर्गत दुधबिला, बेतरकिया, सुखरीपाड़ा, तड़ेया, बनगांव, गीतिलपी, सियालजोड़ा, पदमपुर जुगीनंदा, खमानिया, देवगांव सहित कुल 12 गांव के (60) किसानों को मोबाइल एग्रीकल्चरल स्कूल एंड सर्विसेज (MASS) लालगढ़, रांची में तीन दिवसीय उन्नत कृषि पद्धतियों पर एक्सपोजर विजिट करवाया गया। पहले दिन किसानों को स्वस्थ बिचड़ा उत्पादन करने का जानकारी दिया गया और साथ में किसानों को प्रशिक्षण भी दिया गया।
जिसमें किसानों ने स्वयं अभ्यास किया। स्वस्थ बिचड़ा उत्पादन के लिए प्रोट्रे का चयन, कोकोपीट,परलाइट, वर्मिकुलाइट,केंचुआ खाद, लेवल, खाद डालने का सही समय, स्प्रे कैलेंडर, एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन (आईपीएम), इत्यादि के बारे में जानकारी दिया गया। आईपीएम में लाभदायक और नुकसानदायक कीट, नीला- पीला स्टिकी ट्रैप, राइजोबियम कल्चर के बारे में भी जानकारी दिया गया। कीट और बीमारियों के बारे में भी बतलाया गया, साथ में उसका जैविक और रासायनिक प्रबंधन का भी जानकारी दिया गया। पौधों में पोषक तत्वों की कमी का पहचान और उपचार का भी जानकारी दिया गया। दूसरे दिन कलम बांधने की
अनेक प्रकार का तकनीक, विदेशी सब्जियां ( छप्पन कद्दू, भोकचोय) मशरूम खेती, हाइड्रोपोनिक तकनीक का जानकारी दिया गया। इसके अलावा जैविक खाद जैसे कि पंचगव्या, दसगव्य, जीवामृत, घंजीवामृत, बीजामृत, अजोला, इत्यादि बनाने का तरीका बतलाया गया। तीसरे दिन वहां के डायरेक्टर विजय सर ने किसानों को उद्यमशीलता के बारे में जानकारी दिए। तीन दिवसीय एक्स्पोज़र सह प्रशिक्षण से आने के बाद किसानों में उद्यमशीलता के प्रति रुचि देखी जा रही है एवं उनमें खेती करने के तरीके में धीरे-धीरे बदलाव की शुरुआत हो रही है।
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