जमशेदपुर। तख्त श्री हजूर साहब प्रबंधन कमेटी कानून 2024 की आलोचना करने वाले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं शिरोमणि अकाली दल पर बरसते हुए अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने कहा है कि वे खुद दरियादिली क्यों नहीं दिखाते हैं? शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में देश के सभी राज्यों में बसे सिखों की किसी एक धार्मिक संस्था को प्रतिनिधित्व क्यों नहीं देते हैं।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदधारियों का आलम तो यह है कि वे अधिकार के भूखे हैं। दूसरों को अधिकार नहीं देना चाहते हैं। पंजाब राज्य से बाहर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तख्त श्री हजूर साहब प्रबंधन कमेटी नांदेड़ महाराष्ट्र एवं तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी पटना बिहार में तो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रतिनिधित्व है, परंतु शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इनमें से किसी को भी अपने कमेटी में प्रतिनिधित्व नहीं दे रखा है। पंच प्यारे पदेन सदस्य हैं परंतु उनसे अलग भी प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।
अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने श्री अकाल तख्त साहब के जत्थेदार सिंह साहब ज्ञानी रघबीर सिंह को पत्र लिख आग्रह किया है कि पांच प्यारों की बैठक बुलाकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को आदेश दें कि देश के सभी राज्यों के सिख संस्थाओं का प्रतिनिधित्व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में दिया जाना चाहिए, क्योंकि वह देश की सर्वोच्च सिख संसद है। यदि ऐसा होता है तब समझ जाएगा कि देश के सिखों के साझे हित के लिए उसकी आवाज उठती है अन्यथा यह समझा जाएगा कि वह दल विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए अपनी बातों को रखती है।
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