चांडिल। सरायकेला - खरसावां जिला अंतर्गत चांडिल थाना क्षेत्र के भुइयांडीह में शुक्रवार को एक घटना घटी है, जिसपर लीपापोती किए जाने की चर्चा जोरों पर है। यही वजह है कि 24 घंटे बीत जाने के बाद भी घटना की खबर सुर्खियों में नहीं है। कुछ पोर्टल पर ही यह खबर आई हैं, जिन्होंने साधारण घटना का रूप देने का प्रयास किया है। उन पोर्टलों की खास वजूद नहीं है, जबकि साधारण मामलों की खबरें दर्जनभर प्रमुख पोर्टल, प्रमुख अखबारों तथा लोकल चैनलों पर छाई रहती हैं।
जानिए पूरा मामला : बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह भुइयांडीह निवासी अधेड़ कांडारी लायेक का शव एक बंद पत्थर खदान से बरामद किया गया है। उक्त पत्थर खदान चिलगु नेशनल हाईवे से करीब 400 मीटर दूर है। जबकि, मृतक कांडारी लायेक भुइयांडीह का रहने वाला था। घटनास्थल से उसका घर काफी दूर है। इस बात से हर कोई आश्चर्य में है। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार सुबह खदान के पानी में शव तैर रहा था। मृतक के बेटे ने शव की पहचान की, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे खदान से बाहर निकाला।
शव मिलने की खबर से क्षेत्र में सनसनी फैल गई हैं। चांडिल पुलिस को मामले की सूचना मिली तो शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला सदर अस्पताल भेज दिया। मृतक कांडारी लायेक के परिजनों तथा ग्रामीणों का कहना है कि गुरुवार की रात से मृतक अपने घर से गायब था। गुरुवार रात को गांव के ही दो लोगों ने मृतक कांडारी लायेक को घर से बुलाकर कहीं ले गया था, जिसके बाद वह घर नहीं लौटा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन दो लोगों ने मृतक को उसके घर से बुलाकर ले गया था, वह दोनों भी शुक्रवार सुबह से लापता हैं। मृतक के परिजनों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जमीन के मामले को लेकर मृतक कांडारी लायेक परेशान था।
आसपास के क्षेत्र में चर्चा जोरों पर है कि जमीन खरीद बिक्री के धंधे में संलिप्त भुइयांडीह गांव के ही एक नेता द्वारा पूरे मामले पर लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है। मृतक के परिजनों का मानना है कि कांडारी लायेक की मौत कोई हादसा या आत्महत्या नहीं हो सकता है, बल्कि यह हत्या है। उन्होंने पुलिस से घटना की निष्पक्ष जांच करने तथा मामले का उद्भेदन करने का अनुरोध किया है। अब तो पुलिस जांच से ही घटना की सत्यता सामने आएगी। आखिर अधेड़ की हत्या की गई हैं या हादसा है? इस संबंध में चांडिल थाना प्रभारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो सका।
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