Jamshedpur (Nagendra) । आटि पुआल मशरूम (ओपीसी) प्रा. लिमिटेड के प्रोपराइटर एवं कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर अमरेश महतो के निर्देशन में पटमदा के धूसरा के नजदीक चिटियाबुरो पहाड़ी की तलहटी स्थित डोगाडीह आदिवासी गांव में रसिक मांडी की 1 बीघा जमीन पर, 38°- 40° सेल्सियस तापमान पर शकरकंद (नारंगी रंग के गूदे के साथ) की खेती शुरू की गई। इस मौके पर डॉक्टर अमरेश महतो ने कहा कि यह शकरकंद कम चीनी और ग्लूकोज से मुक्त एक पौष्टिक आहार है। साथ ही यह कैंसर, मधुमेह और गैस्ट्रिक रोगियों के लिए एक उत्कृष्ट भोजन भी है। उन्होंने कहा कि एक बीघा में शकरकंद की खेती के साथ साथ उसमें पेडीस्ट्रा मशरूम भी उगाया जायेगा। इसके अलावा एक बीघा जमीन में कसाबा की खेती तथा छ बीघा में सीआर धान 310 की खेती भी की जाएगी। डॉक्टर महतो ने बताया कि पटमदा एवं बोड़ाम प्रखंड क्षेत्र में तीन से चार सौ बीघा में खेती शुरू करने की योजना है। इस दौरान एरारोट , स्टेविया जो शुगर फ्री है, इसकी भी खेती किया जायेगा।
शकरकंद की खेती साल में तीन बार किया जाएगा और यह सभी फसल के उत्पादन में कम पानी , कम मेहनत और कम समय लगता है। उन्होंने बताया कि जो किसान मशरुम की खेती करेंगे उनमें आदिवासी और पिछड़ी जातियों के किसानों को शकरकंद और कसावा का बीज फ्री में मिलेगा। वहीं खेतीहर किसान रसिक मांडी एवं मोहनराम मांडी ने बताया कि फसल और आमदनी अच्छी होगी तो और भी अधिक मात्रा में खेती करेंगे। इस मौके पर दीन बंधु ट्रस्ट के महासचिव नागेन्द्र कुमार एवं पत्रकार मिथिलेश तिवारी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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