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Chaibasa. सारंडा जंगल क्षेत्र में देर रात आई आंधी ने मचाया कहर, दर्जनों पेड़ गिरे एवं जल मीनार की सोलर प्लेट उड़ा, The storm that came late at night in Saranda forest area wreaked havoc, dozens of trees fell and the solar plate of the water tower blew away,


Guwa (Sandeep Gupta) । देर रात सारंडा जंगल क्षेत्र में आई तेज आंधी ने कई जगहों पर भारी तबाही मचाई। आंधी के दौरान दर्जनों पेड़ जड़ से उखड़कर गिर पड़े, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इस भीषण आंधी का सबसे गंभीर प्रभाव छोटानागरा पंचायत के कंशगढ़ टोला में देखने को मिला, जहां सोलर चालित जलमीनार की सोलर प्लेटें उड़कर जमीन पर गिर गईं और पूरा सिस्टम क्षतिग्रस्त हो गया। सोलर प्लेट के उड़ जाने और जलमीनार सिस्टम के क्षतिग्रस्त होने के कारण कंशगढ़ टोला के लगभग 40 परिवारों के समक्ष इस भीषण गर्मी के मौसम में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि टोला से निकटतम प्राकृतिक जल स्रोत, जैसे नदी और नाले, न केवल काफी दूर हैं बल्कि अधिकांश सूख चुके हैं। ऐसे में वैकल्पिक जल की कोई व्यवस्था नहीं रह गई है। ग्रामीणों का कहना है कि वे लगातार पंचायत के मुखिया से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई संपर्क स्थापित नहीं हो सका है। 


उन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और जिला प्रशासन से मांग की है कि इस समस्या का समाधान त्वरित रूप से कराया जाए, ताकि क्षेत्र में जल संकट और अधिक गंभीर न हो। तेज आंधी का असर संचार व्यवस्था पर भी देखने को मिला है। छोटानागरा क्षेत्र सहित आसपास के इलाकों में एयरटेल का नेटवर्क पूरी तरह ठप हो गया है। इसकी वजह से ग्रामीणों को एक-दूसरे से संपर्क करने में परेशानी हो रही है, जिससे आपदा के दौरान समुचित सूचना का आदान-प्रदान बाधित हो गया है। 



आंधी के दौरान बिजली आपूर्ति एहतियातन काट दी गई थी। हालांकि, आंधी थमने के बाद विद्युत विभाग द्वारा आपूर्ति बहाल कर दी गई, जिससे कुछ राहत मिली है। लेकिन जब तक जलमीनार को ठीक नहीं किया जाता और संचार व्यवस्था सामान्य नहीं होती, तब तक क्षेत्र के लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि वे मौके पर टीम भेजकर जलमीनार की मरम्मत कराएं और पेयजल आपूर्ति बहाल करें। साथ ही संचार नेटवर्क को भी शीघ्र पुनः चालू किया जाए। गर्मी के इस मौसम में पानी की अनुपलब्धता और संचार ठप होने से जनजीवन संकट में पड़ गया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।



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