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Bhopal. सावधान! यह जासूसी नेटवर्क देश की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है, Be careful! This spy network is a huge threat to the country's security


Upgrade Jharkhand News. प्रसिद्ध शायर मुजफ्फर रज्मी का एक शेर है - 'लम्हों ने खता की थी, सदियों ने सज़ा पाई।' यह शेर इतिहास में दर्ज उन गद्दारों पर पूरी तरह से सटीक बैठता है, जिन्होंने अपने तुच्छ निजी स्वार्थ के लिए अपने देश से गद्दारी की। आज़ भी ऐसे जयचंद और जगमाल देश में भरे पड़े हैं, जो चंद रुपयों की खातिर अपने देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं और दुश्मन देश के लिए जासूसी कर रहे हैं। यहां पर मेरा इशारा ज्योति मल्होत्रा और उसके साथी गद्दारों की ओर है।



पहलगाम पर हुए आतंकी हमले के बाद सरकारी जांच एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हो गई हैं और अब हर उस संदिग्ध व्यक्ति पर नज़र रखे हुए हैं, जो अवांछित और ग़लत कामों में संलग्न है। हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है। उनमें से एक यह भी है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ जहां पर आतंकवादियों को शह देता रहा है, वहीं पर भारतीय सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को जासूसी के लिए अपने जाल में फंसा रहा है। हरियाणा के हिसार कस्बे की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा ट्रैवल विद जो नाम से यूट्यूब चैनल संचालित करती है। पुलिस सूत्रों के अनुसार उसके खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही अदालत ने उसे  पुलिस हिरासत में भेज दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वह दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले एक पाकिस्तानी अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी। 13 मई को भारत ने उस पाकिस्तानी अधिकारी को कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के कारण निष्कासित कर दिया था। 



सिविल लाइंस पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सन् 2023 में ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में दानिश के संपर्क में आई, जब वह वहां पर पाकिस्तान का वीजा लेने गई थी। प्राथमिकी के अनुसार दो बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुकी ज्योति दानिश के परिचित अली अहवान से मिली थी और उसने ही उसके पाकिस्तान में ठहरने की व्यवस्था की थी। अहवान ने ही ज्योति की पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों से और शाकिर और राणा शहबाज से मुलाकात करवाई थी। उसकी काॅल डिटेल में एक अंतरराष्ट्रीय नंबर, नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के संपर्क नंबर और आईएसआई के अधिकारी अली हसन के व्हाट्स ऐप नंबर मिले हैं। वह पाकिस्तान की छवि सुधारने के लिए अलग-अलग वीडियो बनाती थी। उसने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ का साक्षात्कार लिया था। जिसमें वह बड़े आराम से पाकिस्तान की बड़ाई कर रही थी और मरियम नवाज़ से बात कर रही थी, उसे देखकर ऐसा लगता है कि वहां पर उसे कितना वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता था। उसके क्लाउड स्टोरेज वीडियो में बीएसएफ मूवमेंट,रडार लोकेशन और हाई सिक्योरिटी एरिया कैद हैं। वह पाकिस्तान और चीन से सटे हुए बेहद संवेदनशील बाॅर्डर एरिया के वीडियो बनाकर उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर करती थी और दानिश को भेजती थी। उसने चीन, भूटान, नेपाल, इंडोनेशिया, थाइलैंड और दुबई की यात्राएं की थी। जहां पर वह फाइव स्टार होटलों में ठहरती थी और महंगी शाॅपिंग करती थी। उसको इन सबके लिए फंडिंग कहां से मिलती थी, यह जांचने के लिए हरियाणा पुलिस एसटीएफ, एनआईए, आईबी टीम और मिलिट्री इंटेलीजेंस की टीम लगातार जांच कर रही है। 



इस घटनाक्रम में एक और नया मोड़ तब आया जब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एक कंपनी जांच के घेरे में आ गई है। सूत्रों के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात स्थित एक ट्रैवल फर्म से ज्योति मल्होत्रा ​​को जो प्रायोजन मिला है, वह जांच अधिकारियों के लिए विशेष रुचि का विषय है। पाकिस्तान में काम करने के लिए लाइसेंस प्राप्त कंपनी वेगो ने भी उनके कई वीडियो प्रायोजित किए हैं। यह एक ट्रैवल फर्म है जिसे पाकिस्तान में काम करने का लाइसेंस प्राप्त है और सिंगापुर और दुबई में इसका संचालन होता है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने भी इसे मान्यता प्रदान की है। हालाँकि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि वेगो पाकिस्तान को प्रायोजित कर रही है, लेकिन कंपनी की वहाँ की गतिविधियों ने संदेह को जन्म दिया है।



पुलिस सूत्रों के अनुसार इस जासूसी कांड में मुख्य आरोपी ज्योति मल्होत्रा है। इसके अलावा पंजाब पुलिस ने मलेरकोटला से गजाला और यमीन मोहम्मद को गिरफ्तार किया है। ये दोनों उसके खास साथी हैं। जैसे-जैसे पुलिस जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे पुलिस ने अन्य जासूसों को गिरफ्तार कर लिया है। इसी क्रम में आरोपी नोमाल इलाही को पानीपत से, अरमान को नूंह से, देविंदर सिंह ढिल्लो को कैथल से गिरफ्तार किया गया है। भारत के खिलाफ जासूसी का जाल बिछाने वाले ये तमाम चेहरे अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। ये सभी राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे थे और दुश्मन देश को अपने वतन की अहम जानकारियां साझा कर रहे थे। पाकिस्तान उच्चायोग का कर्मचारी दानिश इन सभी जासूसों के संपर्क में था। उसने ज्योति मल्होत्रा से दोस्ती की थी और दोनों एक दूसरे के काफी करीब आ चुके थे। उसी  ने मलेरकोटला से गिरफ्तार गजाला को पाकिस्तान का वीजा दिलाया था। दानिश ने गजाला को पैसे भी भेजे थे, जिसे गजाला ने दूसरे जासूसों को भेजा था। गिरफ्तार यामीन मोहम्मद ने अन्य जासूसों को पैसे पहुंचाने में मदद की थी। गिरफ्तार देविंदर सिंह ढिल्लो ने पटियाला छावनी के वीडियो पाकिस्तानी एजेंट्स को भेजे थे। 



जांच में सामने आया है कि उसने भारत के सैन्य ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी और सेना की गतिविधियों के बारे में पाकिस्तान को बताया था। आरोपी ने कबूल किया है कि वह कॉरिडोर के रास्ते पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब, ननकाना साहिब, लाहौर और पंजा साहिब जैसे धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने गया था। इसी दौरान वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आया। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले अरमान को थाना नगीना के अंतर्गत गांव राजाका से गिरफ्तार किया गया है। उस पर आरोप है कि वह व्हाट्स ऐप के माध्यम से देश की सैन्य गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान भेजता था। पुलिस ने उस पर देशद्रोह से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। उससे लगातार पूछताछ की जा रही है और जांच में यह पता चला है कि उसने पाकिस्तानी एजेंट के लिए सिम कार्ड मुहैया करवाए थे। नोमान इलाही ने भी आईएसआई के लिए जासूसी की थी। उस पर आरोप है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को संवेदनशील जानकारियां मुहैया करवाता था। वह कैराना गांव का रहने वाला है और अभी पानीपत में ही सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है।



इनके अलावा जगन्नाथ पुरी की यूट्यूबर प्रियंका सेनापति से भी जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। सितंबर 2024 में जब ज्योति मल्होत्रा पुरी गई थी, इस दौरान वह प्रियंका से मिली थी। अब एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या प्रियंका को ज्योति की गतिविधियों की जानकारी थी या फिर वो कुछ शेयर कर रही थी?  यूट्यूबर नवांकुर चौधरी पर भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। हालांकि उसने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। उत्तर-प्रदेश के रामपुर के एक बिजनेसमैन शहजाद को भी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने बताया कि उसने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी अपने आकाओं को दी थी। वह कई बार पाकिस्तान जा चुका था और कथित तौर पर कपड़े और मसालों की तस्करी में शामिल था। इसी तरह मोहम्मद मुर्तजा अली को गुजरात पुलिस ने जालंधर में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी इस खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी कि वह पाकिस्तान की आईएसआई के लिए जासूसी कर रहा था। उसके पास से चार मोबाइल फोन और तीन सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।



जासूसी के नेटवर्क की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, उसमें नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं। एसटीएफ ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य हरकीरत सिंह से भी पूछताछ की है। उस पर आरोप है कि उसने ज्योति को पाकिस्तान का वीजा दिलाने और जत्थे के साथ पाकिस्तान भेजने में मदद की थी। उसकी तस्वीरें भी पाकिस्तान उच्चायोग में ज्योति के साथ दिखाई दी थी। हालांकि हरकीरत को पूछताछ के बाद एसटीएफ ने छोड़ दिया है। इसके अलावा हरियाणा पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियों ने नूंह जिले में पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए तावडू उपमंडल के गांव कांगरका के एक युवक को भी गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी दो दिन पहले राजाका गांव से अरमान की गिरफ्तारी के बाद हुई है। उधर, ज्योति के जासूसी कनेक्शन की जांच ओडिशा तक पहुंची है। दरअसल 2024 में ज्योति पुरी गई थी और वहां की कंटेंट क्रिएटर प्रियंका सेनापति से दोस्ती की थी। आईबी और ओडिशा पुलिस ने अब प्रियंका से पूछताछ की है और जासूसी कनेक्शन की पड़़ताल कर रही है। हालांकि प्रियंका सेनापति ने सफाई देते हुए कहा है कि ज्योति सिर्फ उसकी दोस्त थी और वो यूट्यूब के जरिए संपर्क में आई थी। मुझे उस पर लगे आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं है, अगर मैं यह जानती कि वो देश के खिलाफ जासूसी कर रही है तो कभी उससे संपर्क नहीं रखती।



देश से गद्दारी करने वालों की लिस्ट में अब गुजरात के सहदेव सिंह गोहिल का नाम भी शामिल हो गया है। उस पर बीएसएफ और भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान भेजने का आरोप है। गुजरात एटीएस एसपी के सिद्धार्थ ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि गुजरात एटीएस ने कच्छ के एक मल्टीपर्पस स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहदेव सिंह गोहिल को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा, हमें सूचना मिली थी कि वह बीएसएफ और भारतीय नौसेना से जुड़ी जानकारी एक पाकिस्तानी एजेंट के साथ शेयर कर रहा है। एटीएस के अनुसार, गोहिल को 1 मई को प्रारंभिक जांच के लिए बुलाया गया था, जहां पता चला कि वह जून-जुलाई 2023 में व्हाट्सएप पर अदिति भारद्वाज नाम की महिला के संपर्क में आया था। उससे बातचीत के बाद उसे पता चला कि वह एक पाकिस्तानी एजेंट है। उसने बीएसएफ और भारतीय नौसेना की निर्माणाधीन या नई बनी इमारतों की तस्वीरें और वीडियो मांगे। जिसके बाद उसने व्हाट्सएप के जरिए तस्वीरें और वीडियो शेयर करना शुरू कर दिया।



वर्ष 2025 की शुरुआत में गोहिल ने अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल करके एक सिम कार्ड खरीदा था और अदिति भारद्वाज के इस्तेमाल के लिए उस नंबर पर व्हाट्सएप अकाउंट भी खोला। इसके बाद इस नंबर से बीएसएफ और आईएएफ के बुनियादी ढांचे से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तानी एजेंट कर रहे थे। एटीएस ने यह भी पुष्टि की कि गोहिल को एक अज्ञात शख्स ने 40,000 रुपये दिए थे। माना जा रहा है ये शख्स भी जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। गोहिल का फोन एफएसएल को भेजा गया था। अदिति भारद्वाज के नाम से व्हाट्सएप नंबर पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे थे। गोहिल और पाकिस्तानी एजेंट के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 61 और 148 के तहत मामला दर्ज किया गया है।            पाकिस्तान भारतीय यूट्यूबरों के माध्यम से अपना जासूसी नेटवर्क बनाकर उनके द्वारा हमारी अति संवेदनशील जानकारियों को हासिल कर रहा है। हमारे युवा चंद पैसों की खातिर अपने ही देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं। यह केवल जासूसी तक सीमित बात नहीं है अपितु हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु बहुत बड़ा खतरा है। अब हमारी सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सावधान रहना होगा और ऐसे तमाम सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स पर कड़ी नजर रखनी होगी, जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। 



साथ ही साथ इस बात का भी पता लगाना होगा कि घर के इन भेदियों की पहुंच कहां तक है? उन्हें खुफिया सूचनाएं उच्च पदस्थ सूत्रों से प्राप्त हो रही थी या इनकी सैन्य प्रतिष्ठानों तक सीधी पहुंच थी? इन्हें अति गोपनीय 'ऑपरेशन सिंदूर' की जानकारी किसने दी और पहलगाम हमले के दूसरे दिन ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तानी दूतावास में क्या कर रही थी? अब आवश्यकता इस बात की है कि केंद्र और राज्य सरकारें, खुफिया एजेंसियां और मीडिया व जनता सब मिलकर के ऐसे देशद्रोहियों को बेनकाब करे और  आरोप सिद्ध होने पर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। जिससे भविष्य में कोई और ज्योति मल्होत्रा ऐसी गुस्ताखी करने की हिम्मत न कर सके। बाहर के दुश्मनों से निपटने से पहले घर के भेदियों का सफाया करना आवश्यक है। सरिता सुराणा



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