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Bhopal. अवैध शराब के धंधे से चौपट होती भगवंत मान की नशा विरोधी मुहिम, Bhagwant Mann's anti-drug campaign is being ruined by illegal liquor trade


Upgrade Jharkhand News.  पंजाब में अमृतसर के ग्रामीण क्षेत्रों में जिस प्रकार लाहन (अवैध शराब) पीने के कारण 27 लोगों की मौत हुई है ,इससे पंजाब सरकार के नशे के विरुद्ध छेड़े गए युद्ध को एक बड़ा धक्का लग रहा है , और नशे  के विरुद्ध अभियान असफल होता नजर आ रहा है। अमृतसर के पांच गांव में जिस प्रकार 27 मौतें हुई हैं और 10 आदमी अभी भी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं सरकार के लिए चिंता और चिंतन की घड़ी है। यह सरकार की कार्य प्रणाली पर बड़ा प्रश्न भी है। सरकार ने एक तरफ तो नशे पर काबू पाने के लिए जोरदार अभियान छेड़ा हुआ वहीं दूसरी तरफ नशे के कारण इतनी बड़ी घटना का होना सरकार की कार्य प्रणाली पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह  है। पंजाब के कई जिलों में पिछले दिनों नकली शराब की फैक्ट्रियां पकड़ी गई थी, उसी समय आशंका जताई गई थी कि आने वाले समय में यह धरपकड़ और तेज हो सकती है । मगर फिर भी पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब की बिक्री बड़े धड़ल्ले से हो रही है। सरकार की कार्यवाही पर भी प्रश्न खड़े हो रहे हैं,आखिर सरकार क्यों अवैध शराब की बिक्री पर रोक नहीं लगा पाई। आखिर इस खतरनाक खेल के पीछे किन लोगों का हाथ है जिस पर पुलिस हाथ डालने से डर रही है ,आखिर ये कैसे शराब को तैयार कर रहे हैं ,जबकि पूरे राज्य में नशे के खिलाफ पुलिस ने अभियान चलाया हुआ है। पंजाब पुलिस ने जगह-जगह नाके भी लगाए हुए  हैं ताकि अवैध शराब का परिवहन रोका जा सके। 



गरीब और मजदूर लोग साइकिलों पर चलकर अवैध शराब पीने के लिए शराब के अड्डों पर पहुंचते हैं ,जहां पर प्रति गिलास 10 से 15 रुपए में मिल जाती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमृतसर के जिन  गांवों में जहां 27 मौतें हुई हैं,सभी की मौतें नशे के एक ही ठिकाने से शराब पीकर हुई है और वहां पर शराब पीने के लिए रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं। आखिर शराब का धंधा करने वालों को किसका संरक्षण प्राप्त है ,जिसके कारण पुलिस उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। वहीं लोगों का कहना है कि यह लोग कातिल हैं, इन्हें फांसी की सजा होनी चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों में बसे गांवों,बस्तियों और ढाणियों में अवैध शराब की बिक्री सरेआम पुलिस के सामने हो रही है। शराब पीने से मौतें पिछली सरकारों में भी होती आई हैं ,लेकिन किसी भी दोषी को उचित सजा नहीं मिली, कानून लचीला होने के कारण तस्कर बच निकलते हैं। पंजाब सरकार स्वयं मानती है कि अवैध शराब का धंधा पुलिस की मिलीभगत से हो रहा है। जहर बेचने वाले लोगों पर आखिर कब अंकुश लगाया जाएगा।



फिरोजपुर के सीमावर्ती गांवों में रोजाना हजारों लीटर अवैध शराब का धंधा चल रहा है, पंजाब सरकार ने एक एस. एच .ओ ,एक डी. एस.पी, दो एक्साइज विभागों के अधिकारियों को सस्पेंड करके इस मामले में अपनी बड़ी कार्रवाई बताया है,आखिर जहर के ये व्यापारी तो छूट जाएंगे, मगर मरने वाले लोगों के बच्चों को मां-बाप नहीं मिल सकेंगे ,आखिर उनकी रोजी-रोटी का कौन सहारा बनेगा? सुभाष आनंद



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