Guwa (Sandeep Gupta) । टाटा डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल नोवामुंडी में आज 7 मई 2025, बुधवार को मोंक ड्रिल का आयोजन किया गया। शिक्षक मानस रंजन मिश्र ने सहयोगी शिक्षक ब्रिजेश पाण्डेय के साथ प्रातः कालीन प्रार्थना सभा में बच्चों को इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए प्रशिक्षण दिया। श्री मिश्र ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न जिलों में मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। ये मॉक ड्रिल नए और जटिल खतरों को ध्यान में रखते हुए करने को कहा गया है। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हुई बैठक में मॉक ड्रिल कराने की तैयारी तय की गई है।
मॉक ड्रिल एक तरह का अभ्यास है, जिस दोरान लोगों को आपात स्थिति के लिए तैयार कराया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को आग, भूकंप, चिकित्सा जैसी आपात स्थिति या आतंकवादी हमलों के लिए तैयार करना है। मॉक ड्रिल के दौरान ये देखा जाता है कि आपात स्थिति में लोगों की प्रतिक्रिया कैसी रहने वाली है। मॉक ड्रिल के दौरान रेडियो संचार, हवाई हमले की चेतावनी सिस्टम, नियंत्रण कक्ष की कार्य प्रणाली आदि नागरिक सुरक्षा के लिए प्रभावशील परीक्षण सुनिश्चित किया जाता है। मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजने पर सुरक्षित स्थानों पर जाएं शांति बनाए रखें, टीवी-रेडियो और सरकारी अलर्ट्स पर ध्यान दें, अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों को मानें।
विद्यालय के प्राचार्य प्रशांत कुमार भूयान ने कहा कि मॉक ड्रिल का अभ्यास न केवल किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने का एक जरिया है, बल्कि यह हमें सजग, सतर्क और ज़िम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में एक कदम भी है। हमारे देश के जवान दिन-रात सीमाओं पर तैनात रहते हैं, ताकि हम सभी सुरक्षित रहें। उनका बलिदान हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें भी हर परिस्थिति में संयम, अनुशासन और साहस बनाए रखना चाहिए। मॉक ड्रिल इसी बात की तैयारी है — यदि कभी कोई आपात स्थिति आए, चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो, दुर्घटना हो या कोई और संकट, तो हम घबराएँ नहीं, बल्कि जिम्मेदारी के साथ खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखें। आप हमेशा सतर्क और जागरूक रहें। सुरक्षा निर्देशों का पालन करें। अपने साथी छात्रों की मदद करें।
और सबसे अहम — कभी भी अफवाहों में न आएँ। आज हम इस मॉक ड्रिल को उन शहीदों को समर्पित करते हैं जिन्होंने पहलगाम जैसे हमलों में अपने प्राण देश के लिए न्योछावर कर दिए। हम उनका बलिदान नहीं भूल सकते — और न भूलेंगे। कार्यक्रम की समाप्ति शांति पाठ एवं राष्ट्रगान गाकर किया गया। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक अरबिंद ठाकुर ने किया।
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