Jamshedpur (Nagendra) । कृषि के क्षेत्र में आज महिलाएं भी काफी आगे बढ़ रही हैं। महिला किसान की बात करें तो झारखंड बंगाल सीमा से सटे तुलसीडीह गांव की रहने वाली बेला महतो ने 40 बीघा जमीन में नई तकनीक से उन्नत खेती कार्य करने का मन में ठानी है। उन्होंने आटी पुआल मशरूम प्रा लि कंपनी वंदोवान के एमडी डॉक्टर अमरेश महतो के मार्गदर्शन में फिलहाल दो बीघा जमीन में पेडी स्ट्रॉयड मशरुम (पुआल छत्तू) की खेती शुरू किया है। उन्होंने बताया कि ऊपज अच्छी हुई तो आने वाले समय में वह 40 बीघा जमीन में नई तकनीक से खेती करेंगी। बेला महतो ने कहा कि वह कृषि विशेषज्ञ डॉ अमरेश महतो से प्रेरित होकर उनके सानिध्य में उन्नत कृषि कार्य का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है।
वहीं मौके पर उपस्थित डॉ अमरेश महतो ने कहा कि महिला किसान , बेला महतो अपने 40 बीघा जमीन में मशरुम के साथ साथ स्वीट पोटैटो और कसाबा (शुगर व ग्लूटोन फ्री) तथा सीआर धान 310 ( हाई प्रोटीन युक्त) धान की खेती भी जल्द शुरू करेगी। डॉक्टर महतो ने बताया कि सभी फसल एक तरह से औषधि के रूप में भी काम करती है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि नई तकनीक से उगाए गए फसल का प्रोसेसिंग के तहत विभिन्न तरह के प्रोडक्ट बनाया जाता है जो गैस्ट्रिक, कैंसर,शुगर आदि रोगों के लिए रामबाण औषधि भी है। उन्होंने देश व राज्य के प्रगतिशील किसान भाइयों से उन्नत कृषि कार्य करने के लिए इस नई तकनीक को अपनाने की सलाह दी, ताकि कम समय, कम खर्च और कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाया जा सके।
उन्होंने कहा कि मशरुम की खेती महीने में दो बार और सभी तरह के जमीन में सालों भर होती है , वहीं स्वीट पोटैटो तीन महीने में और साल में चार बार तथा कसाबा और सीआर धान 310 छः महीने में तथा साल में दो बार फसल उगाया जाता है। नई तकनीक से खेती करने के दौरान उक्त मौके पर डॉ अमरेश महतो के साथ दीन बंधु ट्रस्ट के महासचिव नागेन्द्र कुमार , ओड़िया चिरूडीह गांव के प्रगतिशील किसान संजीव महतो , बेला महतो , तृप्ति महतो , खिरोध महतो , पदावती महतो , सपन महतो , कैलाश महतो , धरणीधर महतो समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
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