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Chaibasa विस्थापित को घर, 500 बेरोजगारों को नौकरी, मृतक के आश्रित को नौकरी व मुआवजा को लेकर 1 जुलाई से सेल में आंदोलन व चक्का जाम:- मधु कोड़ा , Agitation and Chakka Jam in SAIL from July 1 for houses for displaced, jobs for 500 unemployed, jobs for dependents of the deceased and compensation:- Madhu Koda

 


Guwa (Sandeep Gupta) । सेल की गुवा लौह अयस्क खदान अब आक्रोश का केंद्र बन चुकी है। वर्षों से गुवा व आसपास के गांवों के शिक्षित बेरोजगार, ग्रामीण, सप्लाई मजदूर और सेलकर्मी जिस शोषण को झेल रहे थे, अब उन्होंने आर-पार की लड़ाई का बिगुल फूंक दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की अगुवाई में 1 जुलाई से गुवा खदान के जनरल ऑफिस का घेराव और अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की गई है। 26 जून को एसबीआई के पीछे वर्कर्ष क्लब में आयोजित जन बैठक में मधु कोड़ा ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि सेल की गुवा खदान प्रबंधन ने यहां के लोगों को सिर्फ धोखा और शोषण दिया है। अब यह गांव खड़ा हो चुका है। इस बार जो आंदोलन होगा, वह निर्णायक होगा। अगर कंपनी ने पुराना समझौता लागू नहीं किया, स्थानीयों को रोजगार नहीं दिया और विस्थापन से पहले पुनर्वास नहीं किया, तो यह आंदोलन उग्र और व्यापक होगा। 


11 जुलाई 2024 को गुवा खदान में एमडीओ (माइन डेवलपर ऑपरेटर) के खिलाफ हुए अनिश्चितकालीन स्लोडाउन आंदोलन के बाद कंपनी ने मेघालय गेस्ट हाउस में जो लिखित समझौता किया था, उसे भी लागू नहीं किया गया। इस समझौते में निम्नलिखित बिंदु शामिल थे। जिसमें 500 स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को ठेका मजदूर के रूप में नियोजन,समान काम का समान वेतन' की गारंटी,स्थानीयों को शत-प्रतिशत प्राथमिकता के साथ रोजगार,विस्थापन से पूर्व सभी 6 बस्तियों के परिवारों का पुनर्वास। श्री कोड़ा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नाबालिग ठेका मजदूर कानुराम चाम्पिया की खदान दुर्घटना में मृत्यु के बाद उसके आश्रित को दिया गया 30 लाख रुपये का चेक बाउंस हो गया। उसे अब तक कोई नौकरी नहीं दी गई। 



प्रशासन और कंपनी अधिकारियों ने शव के सामने झूठी सहानुभूति की तस्वीरें खिंचवाकर सबसे बड़ा घिनौना कृत्य किया है। इसी प्रकार, हौलपैक टायर फटने की घटना में मरे सेलकर्मी के परिजन को केवल औपचारिक पत्र दिया गया, जबकि घायल तीन मजदूरों को न हीं बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया और न ही कोई आर्थिक सहायता मिली। मधु कोड़ा ने ऐलान किया कि अगर एक बस्ती उजाड़ने की कोशिश हुई, तो हम पूरी कंपनी को उजाड़ देंगे। समाधान पहले, विस्थापन बाद में यही नारा हमारी लड़ाई का होगा। इस दौरान बैठक में अंतर महाकुड़ झारखंड मजदूर संघर्ष संघ,गोविंद पाठक सारंडा मजदूर यूनियन,मुकेश लाल, समीर पाठक भारतीय मजदूर संघ,हेमराज सोनार झारखंड मजदूर यूनियन,राकेश कुमार सुण्डी क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ,राजेश कोड़ा सप्लाई मजदूर संघ, रमेश गोप सीटू, चांदमनी लागुरी, पदमीनी लागुरी पंचायत मुखिया,पदमा केसरी  बाल अधिकार मंच,देवकी कुमारी जिला परिषद सदस्य,गीता देवी, ममता देवी जेएसएलपीएस,सारंडा युवा बेरोजगार संघ, विस्थापन पीड़ित ग्रामीण समुदाय मौजूद थे।



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