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Jamshedpur सुन्दरनगर रैफ के परेड ग्राउंड की फ्लाईएश मिट्टी से पूर्व कर्मी का घर-बगान बना नरक ,The fly ash soil of the parade ground of Sundar Nagar RAF turned the house and garden of a former employee into hell,

 


  • 13 वर्षों से विभाग को समस्या से अवगत करा रही है पुष्पलता सोय

Jamshedpur (Nagendra) । सुंदरनगर स्थित रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) के 106 वाहिनी के परेड ग्राउंड निर्माण के समय डाले गये फ्लाईएश मिट्टी से पूर्व कर्मी (स.उप. निरीक्षक, जीडी) पुष्पलता सोय का घर तथा बगान बर्बाद हो रहा है। पुष्पलता सोय का घर 106 वाहिनी के परेड ग्राउंड से सटा हुआ है। जिसके चलते बरसात के दिनों में फ्लाईएश मिट्टी बहकर उनके घर तथा बगान में फैल जाता है। पुष्पलता सोय विगत 13 वर्षों से इस गंभीर समस्या से जुझ रही हैं। हर बार इस समस्या से वह रैफ के स्थानीय उच्चाधिकारियों को अवगत करा रही हैं, लेकिन इस समस्या का निदान नहीं किया जा रहा है। पुष्पलता सोय ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2004 में रैफ कैंप के समीप जमीन खरीदकर घर बनाया। उस समय रैफ का परेड ग्राउंड काफी छोटा था।


साथ ही ग्राउंड में प्राकृतिक मिट्टी थी। 2012 में परेड ग्राउंड का विस्तार तथा उंचाई बढ़ाने के लिए फ्लाईएश मिट्टी डाला गया। तब से प्रत्येक वर्ष बरसात के समय परेड ग्राउंड का फ्लाईएश बहकर पुष्पलता सोय के घर में आने लगा। यहां तक की फ्लाईएश से पेयजल का एक मात्र साधन कुंआ भर गया। प्रारंभ में उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या गंभीर हो गई। पुष्पलता सोय ने अपने घर के बगान में वर्ष 2017 में पेड़-पौधों की नर्सरी खोली, लेकिन फ्लाईएश मिट्टी बहकर आने से नर्सरी में लगाए गए पौधों बर्बाद होने लगे। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान होने लगा। इस गंभीर समस्या की ओर उन्गोंने रैफ के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ठ कराया।



कुछ अधिकारी पुष्पलता सोय के घर इसका निरीक्षण करने के लिए आए। समस्या को देखा तथा वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी करके ले गए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। 2008 से 2020 तक रैफ में कार्यरत रही पुष्पलता सोय ने बताया कि वर्ष 2008 से 2013 तथा 2016 से 2020 तक वह रैफ की 106 वाहिनी में कार्यरत रहीं। 2020 में सेवानिवृत होने के बाद वह सामाजिक गतिविधियों में समय व्यतित करने लगीं। इसी बीच 2024 में उनका चयन घाघीडीह केंद्रीय कारा में सुरक्षा प्रहरी के रुप में हो गया। जहां वह वर्तमान में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि घर-बगान में जमा फ्लाईएश साफ कराने के लिए मजदूरों को लगाना पड़ता है। इसी बीच 15 मार्च 2025 को वाहिनी परिसर के एक पेड़ की डाली टूटकर उनके नर्सरी के पौधों को बचाने के लिए लगाए गए छत पर गिर गया। जो आज तक वहां पड़ा हुआ है। उन्होंने रैफ के वरीय अधिकारियों से इस समस्या का संज्ञान लेकर समाधान करने की मांग की।



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