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Jamshedpur टाटा स्टील को सीडीपी 2024 की ‘सप्लायर एंगेजमेंट असेसमेंट’ में अग्रणी स्थान मिला Tata Steel ranked leading in CDP 2024 ‘Supplier Engagement Assessment’

 


  • , वैल्यू चेन में जलवायु परिवर्तन के प्रति प्रतिबद्धता और प्रभावी कार्यों के लिए चौथी बार मिला लीडरशिप सम्मान ।

Jamshedpur (Nagendra) । टाटा स्टील को सीडीपी 2024 सप्लायर एंगेजमेंट असेसमेंट (एसईए) में लीडर के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है, जहां कंपनी को बीते छह वर्षों में चौथी बार सर्वोच्च रेटिंग (‘A’) प्राप्त हुई है। यह सम्मान कंपनी के जलवायु परिवर्तन को लेकर सक्रिय और समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसे उसने अपनी संपूर्ण वैल्यू चेन में प्रभावी रूप से लागू किया है। सप्लायर एंगेजमेंट असेसमेंट सीडीपी की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य यह आकलन करना है कि कंपनियां जलवायु परिवर्तन के प्रति अपने आपूर्तिकर्ताओं को कितनी सक्रियता से शामिल कर रही हैं।



यह मूल्यांकन कंपनियों के अभिशासन तंत्र, निर्धारित जलवायु लक्ष्यों, स्कोप 3 उत्सर्जन की निगरानी, और पूरे वैल्यू चेन  में उनकी सहभागिता के आधार पर किया जाता है।  एसईए कंपनियों का मूल्यांकन सीडीपी 2024 के कॉरपोरेट पर्यावरणीय प्रकटीकरण के तहत उनके प्रदर्शन के आधार पर करता है, जिसमें प्रमुख रूप से गवर्नेंस, निर्धारित लक्ष्य, स्कोप 3 उत्सर्जन, और वैल्यू चेन में सहभागिता जैसे पहलुओं को शामिल किया जाता है।इस उपलब्धि पर बात करते हुए टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट – सेफ्टी, हेल्थ एंड सस्टेनेबिलिटी, राजीव मंगल ने कहा: "हमारी नेट ज़ीरो यात्रा में यह बेहद ज़रूरी है कि वैल्यू चेन  के सभी साझेदार हमारे साथ एकजुट हों। स्कोप 3 उत्सर्जन को कम करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, कुछ निर्यात बाजारों में लागू हो रहे कार्बन टैक्स जैसी वैश्विक चुनौतियाँ यह स्पष्ट करती हैं कि हमें हर स्तर पर उत्सर्जन से जुड़े मुद्दों का समाधान करना होगा। सीडीपी द्वारा प्राप्त ‘A’ रेटिंग न केवल हमारे जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रयासों की पुष्टि करती है, बल्कि हमें और अधिक बेहतर करने के लिए प्रेरित भी करती है।" टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट – टीक्यूएम, ग्रुप स्ट्रैटेजिक प्रोक्योरमेंट और सप्लाई चेन, पीयूष गुप्ता ने कहा: "स्टील ऐसा क्षेत्र है, जहां ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना काफी चुनौतीपूर्ण है, और इसके लिए डाउनस्ट्रीम सप्लायर्स, कॉन्ट्रैक्टर्स और अन्य साझेदारों की सक्रिय भागीदारी बेहद जरूरी होती है।



इसलिए, यदि जलवायु कार्रवाई को प्रभावी और व्यापक बनाना है, तो इसमें सभी हितधारकों की सहभागिता आवश्यक है। यह मान्यता भारतीय स्टील सेक्टर के डीकार्बनाइजेशन के लिए किए जा रहे हमारे प्रयासों का प्रमाण है।"टाटा स्टील एक व्यापक और पूर्णतः एकीकृत वैल्यू चेन का संचालन करती है, जो खनन से लेकर तैयार स्टील उत्पादों की अंतिम डिलीवरी तक फैली हुई है। इस सुव्यवस्थित नेटवर्क में आपूर्तिकर्ता, बंदरगाह, निर्माण इकाइयाँ, स्टॉकयार्ड, प्रसंस्करण केंद्र, लॉजिस्टिक पार्टनर और अंतिम उपभोक्ता शामिल हैं। पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और जलवायु जोखिमों का समाधान करने के उद्देश्य से, टाटा स्टील ने हर स्तर पर सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता देते हुए 'ग्रीन सप्लाई चेन' के विकास को एक प्रमुख रणनीति बनाया है। इसके तहत कंपनी कई सस्टेनेबल और नवाचारपूर्ण कदम उठा रही है—जैसे थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स का उपयोग, आधुनिक और ऊर्जा-कुशल वेयरहाउसिंग, पर्यावरण के अनुकूल और ईंधन-किफायती पोतों का संचालन, तटीय शिपिंग को बढ़ावा देना, और डिजिटल उपकरणों की मदद से माल और सामग्री की आवाजाही को स्मार्ट और सुगम बनाना। 



अपने आपूर्तिकर्ताओं को सतत विकास लक्ष्यों के साथ जोड़ने के लिए, टाटा स्टील नियमित रूप से पर्यावरणीय मूल्यांकन, सस्टेनेबिलिटी की जांच, और सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों के आदान-प्रदान के माध्यम से उनकी भागीदारी सुनिश्चित करती है। कंपनी अपने ग्राहकों के साथ भी संयुक्त पहलों में सहयोग करती है, उत्पादों की जीवन चक्र से जुड़ी जानकारी साझा करती है, और सप्लाई चेन में शामिल साझेदारों को उनके सस्टेनेबिलिटी संबंधी प्रयासों के लिए सम्मानित करती है। साथ ही, टाटा स्टील वैश्विक पहलों में भी सक्रिय योगदान दे रही है जैसे 'सी कार्गो चार्टर', जिसके माध्यम से कंपनी अपने डीकार्बनाइजेशन एजेंडा को और आगे बढ़ा रही है।



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