- आज हवन के साथ बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में भगवत कथा का होगा विश्राम
Jamshedpur (Nagendra) । बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन सोमवार को व्यासपीठ से भागवत भ्रमर आचार्य श्री मयंक जी महाराज ने बताया कि भागवत कथा में सुदामा चरित्र और शुकदेव पूजन कथा का प्रसंग बहुत महत्वपूर्ण है। सुदामा चरित्र भगवान कृष्ण और उनके मित्र सुदामा की अटूट मित्रता का वर्णन करता है, जो धन-संपत्ति से परे है। वहीं, शुकदेव पूजन कथा भगवान शुकदेव द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई श्रीमद्भागवत कथा का वर्णन करती है, जिससे राजा परीक्षित को मृत्यु का भय छोड़कर मोक्ष प्राप्त हुआ। मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं। कथा वाचक ने धर्म, सत्य और कलयुग की महिमा का वर्णन समेत कृष्ण और सुदामा की मित्रता की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि जहां मित्रता होती है वहां मतलब नहीं होता।
भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की कथा सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। महाराज ने सुदामा चरित्र एवं गुरु की महिमा की कथा का वर्णन करते हुए आगे कहा कि जीवन में गुरु का होना आवश्यक है गुरु हमारे जीवन की दशा एवं दिशा दोनों को बदलते है लेकिन हमें दुख इस बात का है कि हम गुरु को बहुत मानते है लेकिन गुरु की बातों को नही मानते। इसी कारण हम दुखी होते है गुरु मिलने से हमारा नया जन्म होता है। गुरु से मार्ग दर्शन एवं गुरु ही हमारे कष्टों को दूर करता है। उन्होंने कहा कि हम भले ही सुदामा हो लेकिन मित्र कृष्ण जैसा ही बनाना चाहिए। कथा व्यास ने कहा कि जो व्यक्ति सच्चे मन से भागवत कथा का श्रवण करता है उसका संबंध कृष्ण से अपने आप ही जुड़ जाता है तथा कृष्ण की कृपा उन पर सदा बनी रहती है और उस व्यक्ति पर कलयुग भी अपना प्रभाव नहीं जमा पाता।
महाराज ने बताया कि कलयुग में केवल भगवान का नाम ही सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला है, क्योंकि कलयुग में ऐसे राजा राज्य करेंगे जिनका न कोई धर्म होगा और न ही वे सत्य की राह पर चलेंगे। भगवान ने उद्धव को 24 गुरूओं की कथा सुनाकर और यह कहकर कि आज से तीसरे दिन यह द्वारका समुद्र में डुब जायेगी। भगवान स्वधाम को चले गये। कृष्ण के जाते ही इस पृथ्वी पर कलयुग आ गया। अंत में भगवान का अंतिम श्लोक का दर्शन कराया गया। श्रीमद् भागवत कथा का मंगलवार की सुबह हवन यज्ञ में पूर्णाहुति के साथ विश्राम होगा। इसका आयोजन श्री श्याम भटली परिवार जमशेदपुर एवं भयली महिला मंडल सोनारी द्धारा संयुक्त रूप से किया जा रहा हैं। कथा में रोजाना बड़ी संख्या में कथा प्रेमियों द्वारा निष्ठा एवं भाव पूर्वक प्रभु कथा का रसपान किया जा रहा हैं।
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