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Chaibasa आदिवासी हो समाज महासभा के संस्थापक स्वः सागु सामड की जयंती मनाया, Celebrated the birth anniversary of late Sagu Samad, the founder of Adivasi Ho Samaj Mahasabha,


Guwa (Sandeep Gupta) । आदिवासी कल्याण केंद्र किरीबुरू परिसर में हर्षोल्लास के साथ आदिवासी हो समाज महासभा के संस्थापक स्वः सागु सामड की जयंती मनाया गया एवं उनके तस्वीर पर सबसे पहले आदिवासी कल्याण केंद्र के महासचिव रमेश लागुरी ने पुष्पांजली देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उसके बाद सभी लोगों ने भी पुष्पांजलि दिया। महासचिव रमेश लागुरी ने उपस्थित लोगों को संबोधित कर स्वर्गीय सागु सामड के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा सागु सामड का जन्म 03.08.1935 को केनके गांव, चक्रधरपुर मैं हुआ था। सागु सामड की तीन बहनें और एक भाई था। 1954 में मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद टाटा कॉलेज चाईबासा में नामांकन लिया। 1 अगस्त 1958 को उन्होंने मात्र 23 साल की उम्र में विद्यालय के प्राचार्य के रूप में योगदान दिया। और इसी विद्यालय से अगस्त 1995 को सेवानिवृत्त हुए।



आदिवासी हो समाज युवा महासभा राष्टीय समिति के संगठन सचिव गोपी लागुरी ने कहा सागु सामड शिक्षाविद के साथ-साथ एक समर्पित समाज सेवी भी थे। सन् 1970 के दशक में जब "आदिवासी कल्ब" की स्थापना हुई तो वे इसके संस्थापक अध्यक्ष बने। सन् 1980 में पहली बार "हो" समुदाय में मनाए जाने वाले पर्व-त्योहारों का कलैन्डर बनाया गया, पम्लेट तथा अखबारों के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार किया गया। 03-05-1981 को "आदिवासी कल्ब" का नाम बदलकर आदिवासी हो समाज महासभा रखा गया। सागु सामड इसके निर्विरोध संस्थापक अध्यक्ष बने और 1993 में स्वेच्छा से पद त्याग दिया। वे माध्यमिक शिक्षक संघ, संयुक्त सिंहभूम के अध्यक्ष और 'हो' मुन्डा भाषा चेतना संघ के संयोजक भी रहे।



उन्होंने अंग्रेजी ग्रामर की एक किताब भी लिखी थी सागु सामड ने तत्कालीन हो हयम् पत्रिका तुरतुंग के लिए कई लेख और कविताएँ भी लिखी हैं उनकी लिखी कविताएँ कक्षा 9वीं से लेकर एम.ए. तक के सिलेबस में शामिल की गई। सन् 2003 में झारखन्ड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से वारंग क्षिति लिपि में प्रकाशित कक्षा एक से पाँच की किताबों के लेखन में भी उनका बिशेष योगदान रहा है।उनका जीवन शिक्षा और समाजसेवा को अर्पित था जो आज राज्य सम्पोषित उच्च विद्यालय, असुरा, झींकपानी और आदिवासी हो समाज महासभा के रूप में साकार खड़ा है। 



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