Upgrade Jharkhand News. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के आह्वान पर सोमवार को चक्रधरपुर और बंदगांव प्रखंड के बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रांची में मंत्री आवास का घेराव करने के लिए रवाना हुए। प्रखंड कार्यालय स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के समक्ष एकत्रित होकर, कर्मचारियों ने सबसे पहले उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और आशीर्वाद लिया। इसके बाद, सभी कर्मी संयुक्त रूप से रांची के लिए प्रस्थान कर गए।इस मौके पर कर्मचारी संघ के नेता सदानंद होता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मनरेगा कर्मियों की मांगें पूरी तरह से न्यायसंगत और जायज हैं।
राज्य के मनरेगाकर्मियों की मुख्य मांगें - ग्रेड पे, मनरेगा कोषांग में कार्यरत कर्मियों के तर्ज पर समस्त मनरेगाकर्मियों को ग्रेड पे दिया जाए. (जिसमें झारखंड सरकार के वित्त विभाग का संकल्प जारी हैं).सामाजिक सुरक्षा, दिन प्रतिदिन मनरेगा कर्मियों की मृत्यु हो रही हैं अभी तक सैकड़ों मनरेगाकर्मी काल के गाल में समा गए हैं, अधिकतर कर्मी सड़क दुर्घटना, ब्रेन हेमरेज या डिप्रेशन में आकर खुदकुशी से मृत्यु हो चुकी हैं. आश्रित को सरकार की तरफ से कोई सहानुभूति नहीं मिलती है.स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिले. मनरेगा कर्मी आर्थिक समस्याओं के कारण अपना और अपने परिवार का उचित इलाज नहीं कर पाते हैं. कर्मचारी राज्य बीमा (Employee State Insurance - ESI) योजना का लाभ मिलना चाहिए.
सेवा सुरक्षा नीति बनाई जाए, मध्य प्रदेश शासन की तर्ज पर मनरेगाकर्मियों के लिए सेवा सुरक्षा नीति बनाई जाए. जिसमें निलंबन के संबंध में स्पष्ट प्रावधान हों, निलंबन अवधि के दौरान जीवन निर्वाह भत्ते का भुगतान किया जाए. आरोपित कर्मी को अपना पक्ष रखने का उचित और युक्तियुक्त अवसर प्रदान किया जाए.बर्खास्तगी मामलों में अपीलीय प्राधिकार, बर्खास्त मनरेगा कर्मियों की सुनवाई के लिए अपीलीय प्राधिकार के संबंध में सरकार उचित कदम उठाए ताकि मनरेगाकर्मियों को न्याय मिल सके.
3 दिसंबर की बैठक में एजेंडा प्रस्तावित है कि अपीलीय प्राधिकार प्रमंडलीय आयुक्त के स्थान पर मनरेगा आयुक्त को अधिकृत किया जाए. इस निर्णय से दूरस्थ क्षेत्रों के मनरेगा कर्मियों को काफी परेशानी होगी, अतः प्रथम अपीलीय प्राधिकार प्रमंडलीय आयुक्त को ही रहने दिया जाए ताकि स्थानीय स्तर पर मामलों की सुनवाई सुनिश्चित हो सके तथा मनरेगाकर्मियों को समय न्याय मिल सके.

No comments:
Post a Comment