Upgrade Jharkhand News. पीएम श्री टाटा वर्कर्स यूनियन +2 हाई स्कूल, कदमा में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी ने विद्यार्थियों की वैज्ञानिक समझ, रचनात्मकता और नवाचार को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। इस प्रदर्शनी में छात्रों ने विज्ञान के विभिन्न सिद्धांतों को कार्यशील मॉडलों के माध्यम से समझाया, जिससे विज्ञान को दैनिक जीवन से जोड़ने का उद्देश्य स्पष्ट रूप से सामने आया। कार्यक्रम में National Metallurgical Laboratory (एनएमएल) से आए मुख्य अतिथि कृष्णा कुमार ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की। उनके साथ वैज्ञानिक दीपक धिबर की गरिमामयी उपस्थिति भी रही, जिन्होंने छात्रों को प्रयोगात्मक सोच, जिज्ञासा और नवाचार की दिशा में निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
प्रदर्शनी में जल शुद्धिकरण, कार्बन एवं मृदा प्रदूषण नियंत्रण, वायु प्रदूषण नियंत्रण, सिल्वर आयन टेस्ट, pH स्केल जैसे मॉडल पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित थे। वहीं सोलर एनर्जी, फुट-स्टेप एनर्जी, साउंड से इलेक्ट्रिक ऊर्जा रूपांतरण और ऑटोमैटिक स्ट्रीट लाइट जैसे मॉडल ऊर्जा संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का संदेश देते नजर आए। तकनीकी विकास को दर्शाने वाले स्मार्ट सिटी, इलेक्ट्रॉनिक कलर डिटेक्शन सिस्टम (फल एवं सब्ज़ियों के लिए), एलडीआर आधारित सिस्टम, हाइड्रोलिक सिस्टम, मैग्नेटिक फील्ड तथा न्यूटन के नियम पर आधारित मॉडल दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सेटेंग केरकेट्टा ने कहा कि इस प्रकार की विज्ञान प्रदर्शनी विद्यार्थियों को कक्षा-कक्ष से बाहर निकलकर सीखने का अवसर देती है और उनमें आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करती है।
निर्णायक (Judge) के रूप में महत्वपूर्ण योगदान:प्रदर्शनी के मूल्यांकन में निर्णायक मंडल के रूप में कृष्णा कुमार, दीपक धिबर तथा Md. Quaseem ने अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मॉडलों का आकलन वैज्ञानिक शुद्धता, नवाचार, व्यावहारिक उपयोगिता, प्रस्तुति कौशल और सामाजिक-पर्यावरणीय प्रभाव जैसे मानकों पर किया। निर्णायकों द्वारा विद्यार्थियों को दिए गए सुझाव और मार्गदर्शन उनके सीखने के अनुभव को और समृद्ध बनाने वाले सिद्ध हुए।
प्रदर्शनी की सफलता में विद्यालय के सभी शिक्षकों का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा। विज्ञान शिक्षकों के साथ-साथ अन्य विषयों के शिक्षकों ने भी विद्यार्थियों को मॉडल चयन, सामग्री संग्रह, प्रस्तुति कौशल, समय प्रबंधन और टीमवर्क में निरंतर मार्गदर्शन दिया। शिक्षकों की मेहनत, सहयोग और प्रेरणा के कारण ही विद्यार्थी अपने विचारों को आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत कर सके। यह प्रदर्शनी शिक्षक–छात्र समन्वय, सामूहिक प्रयास और समर्पित मार्गदर्शन का उत्कृष्ट उदाहरण बनी।
मुख्य अतिथि कृष्णा कुमार ने भी कहा कि इस तरह की विज्ञान प्रदर्शनी विद्यार्थियों में अनुसंधान, नवाचार और तार्किक सोच को बढ़ावा देती है। कुल मिलाकर यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों की प्रतिबद्धता और शैक्षणिक दृष्टि को भी उजागर करने में पूर्णतः सफल रही।

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