Upgrade Jharkhand News. टाटा स्टील कर्मचारियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का इस वर्ष तुलसी भवन, जमशेदपुर में आयोजित नाट्य एवं संगीत प्रस्तुतियों के माध्यम से भव्य रूप से पुनरुद्धार किया गया। इस थिएटर समूह की स्थापना वर्ष 1988 में रेणुका सिंह एवं टाटा स्टील के कई वरिष्ठ कर्मचारियों द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों एवं उनके परिवारों के बीच कला, संस्कृति और सृजनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना था।
अपने प्रारंभिक वर्षों में यह समूह तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन करता था, जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं, टाटा स्टील के कर्मचारियों तथा उनके परिजनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस महोत्सव में हिंदी एवं बांग्ला नाटकों के साथ-साथ संगीत एवं गायन प्रतियोगिताएँ, अंताक्षरी तथा प्रेरणादायक नृत्य प्रस्तुतियाँ शामिल होती थीं, जो प्रतिभा प्रदर्शन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का सशक्त मंच बनती थीं।
इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, इस वर्ष थिएटर समूह ने सहयोग नामक एक बहुभाषी साहित्यिक संस्था के साथ मिलकर पुनः सार्थक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस अवसर पर दो चर्चित हिंदी नाटकों—महाभोज (निर्देशक: अनुज प्रसाद) एवं कन्यादान (निर्देशक: निज़ाम)—का सफल मंचन किया गया, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा।
सांस्कृतिक संध्या में संगीत संध्या शीर्षक से एक संगीत प्रस्तुति भी आयोजित की गई, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने पुराने और नए गीतों की मधुर प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में डी.बी.एम.एस. कॉलेज ऑफ एजुकेशन की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत भैरवी नृत्य-नाट्य ने विशेष आकर्षण का केंद्र बनाया, जिसमें माँ दुर्गा के विविध स्वरूपों का सजीव चित्रण किया गया। कार्यक्रम का आरंभ गणेश आराधन से हुआ. भालू बरसा के नन्ही मुन्नी लड़कियों ने बहुत सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया
मदर इंडिया कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में रायता प्रफुल्ल, मीता. जूही समर्पिता, सुश्री पूर्वी घोष एवं हारी मित्तल जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल थे। अनुज सिन्हा के नेतृत्व में सारा कार्यक्रम आयोजित किया गया डेट संस्था के अनेक सदस्य मौजूद थे मदर इंडिया रैंप walk बहुत सफल रहा . सुधा गोयल पुष्पांजलि मिश्रा चंचला सिंह , शिवानी गोयल राकेश पांडेय स्मारिका मिश्रा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे . यह आयोजन न केवल कलात्मक उत्कृष्टता का उत्सव था, बल्कि टाटा स्टील कर्मचारियों एवं सहयोगी संस्थानों की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण तथा सामुदायिक रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करने की निरंतर प्रतिबद्धता को भी सशक्त रूप से दर्शाता है।




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