Jamshedpur (Nagendra) झारखण्ड स्थित आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र, जो एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्लस्टरों में से एक है तथा भारत का प्रमुख MSME हब माना जाता है, आज बुनियादी अवसंरचना की गंभीर उपेक्षा का शिकार हो चुका है। सड़कों, जल-निकासी, प्रकाश व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन की बदहाल स्थिति के कारण औद्योगिक गतिविधियाँ बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इस औद्योगिक क्षेत्र में 1,200 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) संचालित हैं, जो टाटा मोटर्स, टाटा स्टील सहित अनेक राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखला से सीधे जुड़े हुए हैं। यह क्षेत्र प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाखों श्रमिकों और उनके परिवारों की आजीविका का प्रमुख आधार है।
इस संबंध में एंटी क्रॉप्शन इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एसीआईबी) के कोल्हान मंडल इकाई ने उक्त प्रमुख्य समस्याओं को लेकर महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को जमशेदपुर आगमन के समय लिखित रूप से एक ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया है । ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की लगभग सभी मुख्य एवं आंतरिक सड़कें अत्यंत जर्जर अवस्था में हैं। जल-निकासी व्यवस्था के अभाव में वर्षा ऋतु में भारी जलजमाव से उत्पादन एवं परिवहन ठप हो जाता है। वहीं स्ट्रीट लाइट एवं नियमित स्वच्छता की कमी से श्रमिकों की सुरक्षा पर भी खतरा बना रहता है। साथ ही भारी वाहनों के अनियंत्रित आवागमन से प्रतिदिन भीषण ट्रैफिक जाम एवं दुर्घटनाएँ घटित हो रही हैं। आर्थिक व सामाजिक प्रभाव खराब अवसंरचना के कारण उद्योगों को करोड़ों रुपये की आर्थिक क्षति भी हो रही है।
लॉजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन बाधित होने से उत्पादन प्रभावित है, वहीं श्रमिकों में असंतोष बढ़ने से औद्योगिक अशांति की आशंका भी गहराती जा रही है। इसके अतिरिक्त, बुनियादी सुविधाओं के अभाव में नए निवेश रुक गए हैं, जिससे राज्य एवं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इन गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए भ्रष्टाचार निरोधक जाँच ब्यूरो (ACIB), कोल्हान प्रमंडल की ओर से महामहिम राष्ट्रपति महोदय से आग्रह किया गया है कि वे इस विषय में संज्ञान लेकर संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों एवं झारखण्ड राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करें, ताकि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की अवसंरचना का शीघ्र पुनर्निर्माण हो सके।

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