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Mumbai इंस्पेक्टर विक्रांत में अनुस्मृति सरकार का रहस्यमयी खेल Anusmriti Sarkar's mysterious game in Inspector Vikrant

 


Mumbai (Anil Bedag) बॉलीवुड में जब भी डबल रोल की बात होती है, तो दर्शकों की उत्सुकता अपने आप बढ़ जाती है। लेकिन इस बार यह रोमांच सिर्फ कहानी तक सीमित नहीं है। यह एक अभिनेत्री की मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक यात्रा भी है। इंस्पेक्टर विक्रांत में अनुस्मृति सरकार एक ऐसे डबल रोल के साथ सामने आ रही हैं, जो केवल दो किरदारों की प्रस्तुति नहीं, बल्कि दो ज़िंदगियों के बीच की अदृश्य जंग है। वन डे में अपनी सशक्त मौजूदगी से ध्यान खींचने वाली अनुस्मृति अब एक कदम आगे बढ़ते हुए दोहरी पहचान निभा रही हैं—जहाँ हर चेहरा एक अलग सच, एक अलग मनोविज्ञान और एक अलग दुनिया को दर्शाता है। यही कारण है कि उनके किरदार को लेकर रहस्य और चर्चा दोनों चरम पर हैं। सवाल सिर्फ यह नहीं कि असली कौन है, बल्कि यह भी कि क्या दोनों एक-दूसरे का प्रतिबिंब हैं या फिर एक-दूसरे को मिटाने निकली परछाइयाँ।



इस किरदार की तैयारी को अनुस्मृति खुद “दो दुनियाओं के बीच की लड़ाई” कहती हैं। उन्होंने दोनों रोल्स के लिए पूरी तरह विपरीत अप्रोच अपनाई—अलग मेकअप, अलग बॉडी लैंग्वेज, वॉइस मॉड्युलेशन में सूक्ष्म बदलाव और पोस्टचर तक में स्पष्ट अंतर। सेट पर कैमरा रोल होते ही उनका व्यक्तित्व बदल जाना, इस रोल की सबसे बड़ी चुनौती भी रही और सबसे बड़ा आकर्षण भी। उनके शब्दों में, “डबल रोल सुनने में जितना ग्लैमरस लगता है, करना उतना ही मुश्किल होता है। यह एक फिल्म में दो फिल्में करने जैसा है।”अनुस्मृति मानती हैं कि हाल के महिला-प्रधान डबल रोल्स ने उन्हें गहराई से प्रेरित किया है। खासतौर पर दो पत्ती में कृति सैनन के अभिनय का ज़िक्र करते हुए वह कहती हैं कि ऐसे किरदार कलाकार को अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलने का मौका देते हैं। यही साहस इंस्पेक्टर विक्रांत में भी झलकता है।



आज जब बॉलीवुड में महिला-केंद्रित कहानियाँ नए आयाम छू रही हैं, डबल रोल एक बार फिर जिज्ञासा का सबसे प्रभावी हथियार बन गया है। दर्शक थिएटर में बैठकर सिर्फ कहानी नहीं देखते, बल्कि हर सीन में सवाल खोजते हैं—कौन सच है, कौन छलावा?अनुस्मृति सरकार जैसे कलाकारों के हाथों में यह ट्रॉप अब महज़ गिमिक नहीं रहा। यह एक सशक्त कला-रूप बन चुका है, जहाँ अभिनय, मनोविज्ञान और रहस्य एक साथ सांस लेते हैं। अब जब इंस्पेक्टर विक्रांत की रिलीज़ नज़दीक है, तो एक सवाल लगातार गूंज रहा है—क्या अनुस्मृति सरकार दो चेहरे दिखा रही हैं… या ऐसा सच खोलने वाली हैं, जिसके लिए बॉलीवुड अब तक तैयार नहीं था? इसका जवाब पर्दे पर मिलेगा, जब दो परछाइयाँ एक ही चेहरे में ज़िंदगी की पूरी सच्चाई उजागर करेंगी।


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