Mumbai (Chirag) रणवीर सिंह की तारीफों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, और अब इसमें एक और बड़ा नाम फिल्ममेकर संदीप रेड्डी वांगा जुड़ गया है। उनकी बातों ने न सिर्फ इंडस्ट्री में बल्कि दर्शकों के बीच भी गहरी छाप छोड़ी है। ऐसे समय में जब धुरंधर अपनी ताक़त, असर और भव्यता के लिए सराही जा रही है, हम सब महसूस कर रहे हैं कि इस फिल्म की असली जान रणवीर सिंह की परफॉर्मेंस ही है। वांगा की तारीफ सिर्फ़ औपचारिक नहीं है, बल्कि सीधे रणवीर की उस खास खूबी को छूती है, जिसमें वह अपने किरदार में इस तरह घुल जाते हैं कि अभिनेता दिखाई ही नहीं देता, सिर्फ़ किरदार बचता है। आज के दौर में, जहां ज़्यादातर चीज़ें दिखावे और सतही बदलावों पर टिकी होती हैं, रणवीर की एक्टिंग अपनी सच्ची भावनाओं और अंदरूनी गहराई की वजह से अलग नज़र आती है। धुरंधर में वह एक्टिंग नहीं करते, बल्कि उस किरदार को जीते हैं।
फिल्ममेकर ने अपनी पूरी ट्वीट में इस भावना को बिल्कुल सही तरीके से कहा, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस ट्वीट ने न सिर्फ़ फिल्म धुरंधर की तारीफ को और तेज़ किया है, बल्कि इसके लीड एक्टर रणवीर सिंह के लिए मिल रही सराहना में भी एक नया सुर जोड़ दिया है:“धुरंधर एक ऐसे इंसान की तरह बनाई गई है जो ज़्यादा बोलता नहीं, लेकिन अंदर से बहुत मज़बूत है। धुरंधर नाम फिल्म पर बिल्कुल सही बैठता है, क्योंकि फिल्म पूरे रौब और ताकत के साथ आगे बढ़ती है। प्रस्तुति बहुत साफ़ है, कहीं कोई उलझन नहीं। संगीत, अभिनय, कहानी और निर्देशन, सब बहुत ऊँचे स्तर के हैं। #AkshayKhanna सर और @RanveerOfficial अपने किरदारों में इस तरह ढल गए कि अभिनेता दिखाई ही नहीं देते 🙏🏻
यह सिर्फ़ तारीफ़ नहीं है, बल्कि उस ऊँचे स्तर की पहचान है जिसे बहुत कम अभिनेता हासिल कर पाते हैं। जब संदीप रेड्डी वांगा जैसे निर्देशक कहते हैं कि रणवीर “पूरी तरह किरदार में घुल गए और अभिनेता दिखाई ही नहीं दिया”, तो वही बात सामने आती है जो दर्शक पहले से महसूस कर रहे हैं कि रणवीर सिंह सिर्फ़ किरदार निभाते नहीं, बल्कि उन्हें जीते हैं। चाहे फिल्म समीक्षक हों, बड़े निर्देशक हों, साथी कलाकार हों या आम दर्शक धुरंधर में रणवीर सिंह की एक्टिंग की हर जगह तारीफ हो रही है। यह रोल ऊँची आवाज़ या ज़्यादा ड्रामे का नहीं है, बल्कि शांति, गहरी भावना, कम बोलने और अंदर की ताकत का है, और रणवीर इसे बहुत सादगी और मजबूती से निभाते हैं। यही उनकी खासियत है।
रणवीर सिंह बार-बार साबित कर चुके हैं कि अच्छी एक्टिंग सिर्फ़ लुक बदलने से नहीं होती, बल्कि किरदार को पूरी तरह जीने से होती है। धुरंधर में वह पूरी तरह उस किरदार में डूबे हुए दिखते हैं। जैसे-जैसे तारीफें बढ़ रही हैं, यह साफ़ होता जा रहा है कि रणवीर सिर्फ़ अच्छी एक्टिंग नहीं कर रहे, बल्कि एक नया लेवल बना रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि आज वह अपनी पीढ़ी के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं में से एक हैं।

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