छत्तीसगढ़ राज्य के तर्ज पर झारखंड में भी हो समिति का गठन
सरायकेला। झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जेजेए के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अमरकांत के नेतृत्व में शनिवार को सरायकेला उपायुक्त अरवा राजकमल से मुलाकात कर सरायकेला जिला में पत्रकारों के लिए प्रेस क्लब, डिजीटल मिडिया के पत्रकारों के लिए मान्यता सहित अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर उपायुक्त के समक्ष
जेजेए के कार्यकारी अध्यक्ष ने बताया कि सरायकेला सहित झारखंड के 2-3 जिलों में प्रेस क्लब के विवाद का निपटारा करने के लिए रांची प्रेस क्लब के चुनावी प्रक्रिया को मॉडल मानते हुए निपटारा किया जा सकता है। उन्हों ने बताया कि 5-10 पत्रकार मिलकर सोसाइटी एक्ट में प्रेस क्लब का निबंधन करवा कर अपनी मनमानी नहीं कर सकते हैं। प्रेस क्लब के चुनाव से पूर्व सदस्यता के प्रमाण का सत्यापन करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाना चाहिए।
अमरकांत ने बताया कि डिजिटिल मिडिया के पत्रकारों की मान्यता केवल उन्हे दी जा सकती है जिन्हें पीआईबी एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त हो। उन्हों ने बताया कि डिजीटिल मिडिया के नाम पर बड़ी संख्या में यूट्यूबर्स स्वयं को पत्रकार घोषित कर रहे हैं जबकि उन्हें अपने वाहन पर प्रेस लिखने की भी अनुमति नहीं दी जा सकती है। श्री अमरकांत ने कहा कि इस बाबत वे मुख्य सचिव से मिलकर झारखंड के समस्त 24 जिलों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के तर्ज पर समिति गठन करने की मांग रखेंगे।
भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ ने राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन ने उपायुक्त सरायकेला से कहा कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट एवं डिजिटल मीडिया एक्ट के तहत ही पत्रकारों को मान्यता दी जा सकती है। श्री हसन ने कहा कि जिस प्रकार अधिवक्ता, शिक्षक एवं अन्य पेशे से जुड़े व्यक्ति को पत्रकार नहीं कहा जा सकता है और न ही उन्हें पत्रकारों को दी जाने वाली सुविधा प्रदान की जा सकती है। उन्हों ने पत्रकारों को चिन्हित करने के लिए मुख्यालय स्थित वरिष्ठ पत्रकारों की समिति गठन करने का सुझाव दिया। उपायुक्त ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि सभी नियमावली का अध्ययन कर जल्द ही इस बाबत उचित निर्णय लिया जायेगा। आज उपायुक्त से मिलने वालों में जिला अध्यक्ष भाग्यसागर सिंह, प्रदेश सचिव प्रताप मिश्रा, शेख अलाउद्दीन एवं दीपक दरोगा शामिल थे।
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