गुवा। नोवामुंडी थाना एवं बड़ाजामदा ओपी अन्तर्गत मेरेलगड़ा एवं बालजोड़ी स्थित डी के घोष की मैगजीन से विस्फोटकों की लूट की घटना को अंजाम देने से पूर्व भाकपा माओवादी नक्सलियों ने बड़ी तैयारी व प्लानिंग कर रखी थी। सूत्रों अनुसार यह प्लानिंग काफी पहले से चल रही थी, लेकिन खुफिया विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार 30 मार्च को घटना वाले दिन तथा घटना से कुछ घंटे पूर्व नक्सलियों ने राईका से कुन्द्रीझोर, जेटेया आदि क्षेत्र में जाने वाला मार्ग पर लोटालोर के पास अपने समर्थकों के माध्यम से 2-3 मोटा पेड़ गिराकर सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। ताकि घटना के बाद जानकारी होने पर पुलिस उनका पीछा करते हुये तत्काल उनके इस भागने वाले रास्ते में नहीं पहुंच सके।
31 मार्च को बालू लेकर राईका गांव की तरफ जा रही कुछ हाइवा ट्रक भी गिरे पेड़ की वजह से वापस लौट गई थी।बताया जा रहा है कि नक्सली राईका क्षेत्र के जंगल के रास्ते हीं आये व गये थे। घटना के बाद पुलिस राईका आदि गांव तक सर्च आपरेशन चलाते आयी थी एवं रास्ते में गिराये गये पेड़ों को भी वह देखी थी। गिरे पेड़ की कुछ डाली को काट रास्ते से हटाया गया है लेकिन अभी भी पेड़ का मोटा हिस्सा सड़क पर हीं पड़ा हुआ है। पुलिस अभी भी निरंतर उक्त जंगल क्षेत्रों में आपरेशन चला रही है।
इसके अलावे बालजोड़ी गांव स्थित विस्फोट की मैगजीन स्थल से कुछ हीं दूरी पर मुख्य सड़क पर लकड़ी व लाल कागज से चिपका बंद कार्टून को रख वहां पर्चा छोड़ दिया था। पर्चे के माध्यम से बताया गया था की इस डिब्बे में बम है, तथा अन्यत्र लैंड माईन लगाये गये हैं। इस स्थान से महज एक किलोमीटर की दूरी पर हीं मेरेलगड़ा मैगजीन था। जिसे भी नक्सलियों ने लूट लिया था। सूत्रों का कहना है कि नक्सली राईका गांव के समीप जंगल के रास्ते राजाबासा, झिर्झोर, पोखरिया, तुइबेड़ा की तरफ गये हैं। यह गांव क्षेत्र घने जंगलों व ऊंची पहाड़ियों से घिरा है। इस क्षेत्र में नक्सलियों की निरंतर गतिविधियां रहती है। नक्सलियों के भय से बाहरी लोगों का आना-जाना भी इन गांवों में नहीं होता है।
No comments:
Post a Comment