गांव में कितने बच्चे हैं, आंगनबाड़ी केन्द्र और स्कूल है अथवा नहीं है। स्कूल है तो शिक्षा व शिक्षकों की स्थिति कैसी है, शिक्षक-शिक्षिकायें पढ़ाने आते हैं या नहीं। अगर स्कूल नहीं है तो पास के गांवों में स्थित स्कूल की दूरी कितनी है, बच्चों का आधार कार्ड है या नहीं आदि अन्य बिन्दुओं पर सर्वे किया जा रहा है। जहां नेटवर्क नहीं है वहां ऑफलाइन सर्वे कर उसे बाद में ऑनलाइन कर दिया जा रहा है।
ऐप से जारी ऑनलाइन सर्वे सफल रहा तो पश्चिम सिंहभूम जिले के सभी 18 प्रखंडों के सभी गांवों में यह सर्वे कर बच्चों की स्थिति का पता लगाया जायेगा। उसके बाद जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग से मिलकर विशेष कार्ययोजना बनाकर सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का काम करेगा। इस दौरान राजेश लागुरी, मंजू सवैंया, सुखराम चेरवा, राजू गोप, सुधीर गोप, मुंडा नंदलाल सुरीन आदि ग्रामीण मौजूद थे।
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