14 सितम्बर हिंदी दिवस पर विशेष,,,,
हाता। मैं एक बंगला भाषी देश का नागरिक हूँ। मेरी मातृभाषा बंगला है। मैं झारखंड में बंगला भाषा का प्रचार और प्रसार के लिए काम भी करता हूं। झारखंड बंगला भाषी राज्य है इसलिए विद्यालय में बंगला भाषा की पढ़ाई हो इसके लिए आवेदन और निवेदन करता हूँ तब पर भी राजभाषा हिंदी के प्रति मेरा प्यार और सम्मान है। हमारा देश बहु जाति, बहु धर्म और बहू भाषा भाषी का देश है। देश मेंअनेक राज्य भी है। अलग अलग राज्य का भाषा अलग अलग है, लेकिन हिन्दी ज्यादा राज्यों में बोली जाती है और हिंदी ज्यादातर लोग समझते हैं इसलिए सन 1950 के 14 सितम्बर को हिन्दी को राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई है।
हिन्दी देश का राष्ट्रभाषा हो इसके लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस, महात्मा गांधी, डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद, रवींद्रनाथ ठाकुर आदि मनिसियो का समर्थन भी था, लेकिन हिन्दी को अभी तक राष्ट्रभाषा की दर्जा नहीं दिया गया है, बल्कि अभी भी कई राज्यों में हिंदी का विरोध भी किया जाता है जो कि एक दुर्गाग्य कि बात है। हर देश का एक राष्ट्र भाषा होता है जो सर्व मान्य भाषा और संपर्क भाषा होता है। अंग्रेजी विदेशी भाषा है और कठिन भाषा है इसलिए यह भाषा सर्वमान्य और बोलचाल की भाषा नहीं हो सकती है।
हिंदी सरल और सहज है और देश में ज्यादा तर लोग हिंदी समझते हैं और बोलते भी हैं इसलिए मेरे विचार से मैं बंगला भाषी होते हुए भी हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का पक्षधर हूँ और समर्थन भी करता हूं। हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर मैं भारत सरकार से हिंदी को राष्ट्रभाषा की मान्यता देने के लिए निवेदन करता हूं और देश के सभी नागरिकों से इसको समर्थन करने के लिए प्रार्थना करता हूँ, क्योंकि देश का एक राष्ट्र भाषा होना चाहिए।
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