प्रखंड मुखिया संघ ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार सभी पंचायत भवनों में जनता के सुविधा के लिए आवश्यक सभी सेवाएं उपलब्ध करना है, लेकिन आसनतलिया पंचायत भवन कोरोना काल से प्रखंड विकास पदाधिकारी के मौखिक आदेश पर ही 108 एंबुलेंस चालकों को आवासीय सुविधा दी गई थी, लेकिन मुखिया द्वारा जून महीने में ही प्रखंड विकास पदाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को पंचायत भवन से एंबुलेंस चालकों को रूम खाली करवाने हेतु आवेदन पत्र लिखा गया था, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
17 अक्टूबर को जब मुखिया कैरी बोदरा ने एंबुलेंस चालकों को रूम की चाबी देने से इंकार किया तो एसडीओ रीना हांसदा द्वारा मुखिया को ही अनावश्यक रूप से परेशान किया गया और थाना आने को कहा गया। जब मुखिया ने थाने जाने से इंकार किया तो एसडीओ ने अरेस्ट कर जेल भेजने की बात कही। इस बात से आहत होकर प्रखंड मुखिया संघ ने सांसद श्रीमती गीता कोड़ा को घटना की पूरी जानकारी देते हुए कहा पंचायत भवन में पंचायत के विकास एवं सुविधा से संबंधित कार्य ही हो और 108 एंबुलेंस चालकों के लिए अन्य किसी जगह व्यवस्था किया जाए।
सांसद श्रीमती गीता कोड़ा ने सभी मुखियाओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि जिला के उपायुक्त से इस मामले को लेकर वार्ता हुई है और उपायुक्त ने भी कहा कि पंचायत भवन में पंचायत से संबंधित कार्य ही होंगे। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर दास, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रीतम बांकिरा, सांसद प्रतिनिधि त्रिशानु राय, प्रवक्ता जितेंद्र ओझा,राकेश सिंह,दिकु संवैया, इस्माइल दास , जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष हरीन तामसोय, प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष जंगल सिंह गागराई, मुखिया कैरी बोदरा, माझी जोंको, सोमनाथ कोया,मेलानी बोदरा,सरिता गागराई, सहित अन्य मुखिया उपस्थित थे।
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