जमशेदपुर । आदित्यपुर स्थित एनआईटी जमशेदपुर में 13वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के बीटेक, एमटेक, एमएससी, एमसीए तथा पीएचडी के कुल 1040 छात्र- छात्राओं को डिग्री प्रदान की गयी। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को शामिल होना था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से राज्यपाल का आगमन टल गया। एनआईटी संस्थान के मल्टीपर्पस हॉल में आयोजित दीक्षांत समारोह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड के कुलपति क्षिति भूषण दास, जिंदल पॉवर एंड स्टील के अध्यक्ष अनिल सिंह, एनआईटी बोर्ड गवर्नेंस टी कृष्ण प्रसाद, निदेशक डा. गौतम सूत्रधार मौजूद रहे।
इस दौरान 663 छात्र-छात्राओं को बीटेक डिग्री प्रदान की गयीं, जबकि 42 को पीएचडी की डिग्री, 152 छात्रों को एमटेक, 94 को एमसीए , 84 एमएससी के छात्र छात्राओं को डिग्री प्रदान किया गया। संस्था दो छात्रों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। जिसमें मेटलार्जिकल की छात्रा सायरी चटर्जी और एमएससी फिजिक्स के छात्र मेनिक भट्टाचार्य शामिल है।
इसके अलावा 20 छात्र को सिल्वर मेडल मिला.वीडियो संदेश से राज्यपाल ने छात्रों को किया संबोधित। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने वीडियो संदेश से छात्र- छात्राओं को संबोधित किया और छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि छात्र-छात्राओं के कड़ी मेहनत का नतीजा है कि उन्हें आज मेडल से सम्मानित किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा की सफलता एक दिन में हासिल नहीं होती। इसके लिए आपको लग्न के साथ मेहनत करना होता है। संस्थान ने आपके लिए रोड मैप तैयार कर दिया है, लेकिन इस पर छात्रों को ही आगे बढ़ाना है।
गोल्ड मेडलिस्ट सायरी चटर्जी ने कहा- जॉब नहीं रिसर्चर बन कुछ नया करना है : एनआईटी जमशेदपुर के दीक्षांत समारोह में जमशेदपुर की रहने वाली सायरी चटर्जी को मेट्रोलॉजी मे गोल्ड मेडल दिया गया। गोल्ड मेडल पाकर सायरी चटर्जी ने काफी खुश दिखी और इसकी सफलता का श्रेय उन्होंने अपनी माता पिता और गुरुजनों को दिया है। शायरी चटर्जी ने कहा कि उनका कैम्पस भी हुआ है, लेकिन वे जॉब नहीं करना चाहती। वे रिसर्चर बनकर देश के लिए कुछ नया करना चाहते हैं।
वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। बीटेक की गोल्ड मेडलिस्ट सायरी चटर्जी ने बताया कि उनका कैम्पस कुमिन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में हुआ है, किंतु उसने उसे ठुकराकर आईआईटी मुंबई में पीएचडी में एडमिशन ले लिया है, जहां वह स्कॉलर रिसर्चर बनकर कुछ नया करना चाहती है और फिर लेक्चरर बनकर शिक्षा देना चाहती है। उन्होंने बताया कि उसकी मां सरकारी टीचर हैं और पिता सत्यजीत चटर्जी टाटा स्टील में सप्लाई चेन के हेड हैं ।
990 विद्यार्थियों का कैम्पस बड़ी उपलब्धि : बीओजी चेयरमैन : दीक्षांत समारोह के समापन के बाद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के चेयरमैन टी कृष्णा कुमार ने कहा कि 1000 विद्यार्थियों में 990 विद्यार्थियों का कैम्पस होना संस्थान की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है संस्थान 2 वर्ष में देश में एनाइटियों में अंडर 50 रैंक हासिल करेगा । अभी झारखंड का एनआईटी धनबाद देश में 17वें स्थान पर है और जहां से मैंने बीटेक किया एनआईटी वारंगल 21वें स्थान पर है, जबकि एनआईटी जमशेदपुर का रैंक 102वां है, जिसके अंडर 50वें रैंक में लाना हमारी बड़ी चुनौती होगी।
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